हत्या मामले में दो अभियुक्तों को मिली सात साल की सजा
दुमका : प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तौफीकुल हसन की अदालत ने बुधवार को हत्या के एक मामले को सदोष मानव वध मानते हुए दो अभियुक्त मनु बेसरा और सुंदर बेसरा को सात-सात साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
दुमका : प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तौफीकुल हसन की अदालत ने बुधवार को हत्या के एक मामले को सदोष मानव वध मानते हुए दो अभियुक्त मनु बेसरा और सुंदर बेसरा को सात-सात साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। दोनों पर 5-5 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना की राशि अदा नहीं करने पर दोनों को छह-छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
12 फरवरी 2015 को रामगढ़ थाना में बड़ी रणबहियार गांव की तालको हेंब्रम ने आरोप लगाया था कि उसके पति मंगल मुर्मू घटना के दिन 10 बजे दिन में अपने घर से खेत की ओर जा रहे थे। रास्ते में मनु बेसरा और संदर बेसरा ने दो और लोगों के साथ मिलकर लकड़ी के चैला से पति को पीटकर गंभीर रूप से जख्मी कर दिया । सदर अस्पताल में इलाज के दौरान पति की मौत हो गई। पुलिस ने पहले हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया लेकिन मौत के बाद हत्या का मामला दर्ज किया गया। अनुसंधानकर्ता ने दोनों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। केस ट्रायल के दौरान कोर्ट ने इसे हत्या की बजाय धारा 304 (2) सदोष मानव वध का मामला मानते हुए दोनों अभियुक्तों को सजा सुनाई है। इस केस में अभियोजन की ओर से सहायक लोक अभियोजक दिनेश कुमार ओझा ने पैरवी की जबकि पैरवी पदाधिकारी सअनि बीरेंद्र कुमार थे।
अदालत ने जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव को निर्देश दिया है कि वे मृतक की पत्नी को पुनर्वास के लिए सरकार से उचित मुआवजा दिलवाएं।