संताली को बनाया जाए राज्य का प्रथम राजभाषा : समिति
दुमका : संताली साहित्य दिवस तथा सिदो-कान्हु की जयंती के मौके पर बुधवार को दिसोम मांझी थान आर जाहेर थ
दुमका : संताली साहित्य दिवस तथा सिदो-कान्हु की जयंती के मौके पर बुधवार को दिसोम मांझी थान आर जाहेर थान समिति की सदस्य शुभम जयश्री मुर्मू ने केंद्र और राज्य सरकार से भारतीय संविधान के अनुच्छेद 345 के तहत झारखंड की प्रथम राजभाषा संताली को बनाने की मांग की है। कहा है कि जिस प्रकार पश्चिम बंगाल की राजभाषा बांग्ला, ओडिशा में उड़िया, तमिलनाडु में तमिल, कर्नाटक में कन्नड़, आंध्रप्रदेश में तेलुगू तथा केरल में मलयालम है उसी प्रकार से झारखंड में संताली को प्रथम राजभाषा का दर्जा दिया जाना चाहिए। कहा कि सरकार अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देती है तो समिति की ओर से अलग राज्य संताल परगना के गठन का मांग को बुलंद किया जाएगा। कहा कि संताली भाषा साहित्यिक, व्याकरणिक और वैज्ञानिक है। संताली समृद्ध भाषा है और आठवीं अनुसूची में शामिल है। जयश्री ने झारखंड में प्राथमिक से माध्यमिक स्तर पर संताली भाषा को अनिवार्य रूप से पढ़ाने की भी मांग की है।