सजा नहीं सजगता से रूकेगा महिलाओं पर अत्याचार
दुमका हम कभी भी आजाद महसूस नहीं कर सकतेजब तक मानसिक रूप से गुलाम हैं।आज भी महिलाओं को आजादी नहीं मिल सकी है। ये बातें रविवार को महिला दिवस पर महिला कालेज में हुए कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रोफेसर डा. हनीफ ने कहीं। इस मौके पर उन्होंनें कहा कि महिलाओं को न विवाह की आजादी है और न तलाक की। दहेज की आग में आज भी झुलस रही हैं महिलाएं।
जागरण संवाददाता, दुमका : हम कभी भी आजाद महसूस नहीं कर सकते,जब तक मानसिक रूप से गुलाम हैं।आज भी महिलाओं को आजादी नहीं मिल सकी है। ये बातें रविवार को महिला दिवस पर महिला कालेज में हुए कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रोफेसर डा. हनीफ ने कहीं। इस मौके पर उन्होंनें कहा कि महिलाओं को न विवाह की आजादी है और न तलाक की। दहेज की आग में आज भी झुलस रही हैं महिलाएं। आए दिन उपाय तो बता दिए जाते है, लेकिन इस उपाय को आधिकारिक रूप से मान्यता नहीं है। बदचलन व डायन कहकर उसके साथ दुर्व्यवहार किया जाता है। केवल सजा से नहीं सजगता से ही रुकेगा महिलाओं पर अत्याचार। सजा की प्रकिया इतनी लंबी है, जिसे सहन करना सब के बस की बात नहीं।
कई वर्गों में नारी को अधिकार नहीं मिला पाया है। आज भी कई कॉलेज में एमए की पढ़ाई नहीं होती है। महिलाओं के लिए अलग हो न्यायालय की व्यवस्था हो। जब महिला कॉलेज है,महिला कोर्ट है तो महिला न्यायालय क्यों नहीं। अधिकार के लिए सलीके से आवाज उठाने की आवश्यकता है। दबाब से लिया अधिकार स्थायी नहीं होता है। मंच का संचालन प्रो ईश्वर मरांडी ने किया। कार्यक्रम में छात्राओं की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किया गया। कालेज से निकाली गई रैली
महिला दिवस पर आदित्य नारायण महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ संजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में रैली निकाल कर महिलाओं को सामाजिक जागरूकता लाने का प्रयास किया गया। रैली के माध्यम से लड़कियों को जागरूक किया गया ताकि वे दृढ़ संकल्प और इच्छाशक्ति से जीवन में कामयाब हो सकें। प्राचार्य ने कहा कि अगर छात्राएं ठान ले तो सफल बनने से कोई नहीं रोक सकता। रैली में कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ प्रमोद कुमार झा, प्रो. अनहद लाल, डॉ. चंपकलता कुमारी, डा. संजु कुमारी, रीता सिन्हा, पूनम, लालकिशोर के अलावा छात्र तुषार, साक्षी, प्रीति, खलील आदि शामिल थे।