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अवैध शराब जब्ती मामलों में कड़ियां जोड़ने में जुटी पुलिस

दुमका के मसलिया थाना क्षेत्र में 17 जून को जब्त की गई तकरीबन एक करोड़ से ज्यादा मूल्य की अवैध शराब ने पुलिस विभाग को सकते में डाल दिया है। विभाग अब यह पता लगाने में जुटा है कि कहीं 26 मई को जामा के जरपुरा में जब्त अवैध शराब से तो इसका कोई कनेक्शन तो नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 21 Jun 2021 07:22 PM (IST)Updated: Mon, 21 Jun 2021 07:22 PM (IST)
अवैध शराब जब्ती मामलों में कड़ियां जोड़ने में जुटी पुलिस
अवैध शराब जब्ती मामलों में कड़ियां जोड़ने में जुटी पुलिस

जागरण संवाददाता, दुमका: दुमका के मसलिया थाना क्षेत्र में 17 जून को जब्त की गई तकरीबन एक करोड़ से ज्यादा मूल्य की अवैध शराब ने पुलिस विभाग को सकते में डाल दिया है। विभाग अब यह पता लगाने में जुटा है कि कहीं 26 मई को जामा के जरपुरा में जब्त अवैध शराब से तो इसका कोई कनेक्शन तो नहीं है। दोनों जगहों से बरामद शराब की खेप के लिए कौन सिडिकेट काम कर रहा है, आबकारी विभाग भी इसकी तह तक पहुंचने के लिए हाथ-पैर मार रहा है।

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दरअसल जामा के जरपुरा में 26 मई को आरोपित अमर मंडल के आवास से बरामद एक करोड़ से ज्यादा मूल्य की अंग्रेजी शराब अरुणाचल प्रदेश से ही लाई गई थी और हाल ही में 17 जून को मसलिया में जो शराब बरामद हुई है, वह भी अरुणाचल प्रदेश की ही है। सिर्फ शराब की ब्रांड अलग है। जरपुरा में जब्त शराब रॉयल प्लेयर थी, जबकि मसलिया में कैप्टन ब्लू ब्रांड की शराब पकड़ी गई। जांच में अबतक पता चला है कि एक ही सिडिकेट का दोनों मामले से कोई न कोई कनेक्शन है।

आबकारी विभाग के इंस्पेक्टर और जामा जरपुरा केस के आइओ शिव सागर कुमार की मानें तो जामा और मसलिया में अरुणाचल प्रदेश में ही निर्मित शराब बरामद हुई है। साथ ही जांच में और कई कनेक्शन पता चला है। विभाग तमाम बिदुओं पर जांच कर रहा है।

----------------- आयुक्त के आदेश पर आरोपित अमर मंडल के गोदाम की जमीन की जांच कर रहे एसडीओ: जामा के जरपुरा स्थित आरोपित अमर मंडल के जिस गोदाम से एक करोड़ रुपये से ज्यादा मूल्य की अवैध अंग्रेजी शराब बरामद की गई थी, उस गोदाम की जमीन की जांच का आदेश संताल परगना प्रमंडल के आयुक्त चंद्रमोहन प्रसाद कश्यप द्वारा अनुमंडल पदाधिकारी को दिया गया है। अभी तक कि जांच में यह बात सामने आई है कि जिस जमीन को अपना बताकर आरोपित अमर मंडल द्वारा खनन विभाग से कोयले का लाइसेंस बनवाया गया था, वह जमीन दरअसल जमाबंदी है और संताल परगना टेंनेसी एक्ट के तहत यहां की जमाबंदी जमीन खरीद-बिक्री योग्य नहीं है। सूत्रों की मानें तो अभी तक की जांच में यह पता चला है कि गैरकानूनी ढंग से करीब दो बीघा जमीन की घेराबंदी कर वहां अवैध शराब का व्यापार किया जा रहा था। अनुमंडल पदाधिकारी महेश्वर महतो ने अमर मंडल को जमीन देने वाले मूल रैयत को नोटिस भेजा है, जिसमें रैयत से जवाब मांगा गया है कि किस नियम के तहत आरोपित को जमीन दी गई है। तीन दिनों के भीतर रैयत को अपना जवाब देने का निर्देश दिया गया है।


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