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पैक्स को बनाना होगा व्यवसायिक प्रतिष्ठान

दुमका लैंपस को बहुउद्देशीय सेवा सुविधायुक्त बनाने के मकसद से नाबार्ड की ओर से जिला स्तरीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए डीडीएम नाबार्ड नवीन चंद्र झा ने कहा कि नाबार्ड द्वारा प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों के व्यवसायिक उन्नयन के लिए सतत प्रयास किया जा रहा है। पैक्स को एक व्यवसायिक प्रतिष्ठान में बदलने की जरूरत है। ताकि समितियां आर्थिक रूप से सु²ढ़ हो सके। इसी क्रम में प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों को बहुउद्देशीय सेवा केंद्र के तौर पर कार्य करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 05 Mar 2020 04:47 PM (IST)Updated: Thu, 05 Mar 2020 06:34 PM (IST)
पैक्स को बनाना होगा व्यवसायिक प्रतिष्ठान
पैक्स को बनाना होगा व्यवसायिक प्रतिष्ठान

फोटो 05

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जागरण संवाददाता, दुमका: लैंपस को बहुउद्देशीय सेवा सुविधायुक्त बनाने के मकसद से नाबार्ड की ओर से जिला स्तरीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए डीडीएम नाबार्ड नवीन चंद्र झा ने कहा कि नाबार्ड द्वारा प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों के व्यवसायिक उन्नयन के लिए सतत प्रयास किया जा रहा है। पैक्स को एक व्यवसायिक प्रतिष्ठान में बदलने की जरूरत है। ताकि समितियां आर्थिक रूप से सु²ढ़ हो सके। इसी क्रम में प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों को बहुउद्देशीय सेवा केंद्र के तौर पर कार्य करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। ताकि समितियां अपने सदस्यों को सभी मूलभूत सेवाएं एक छत के नीचे प्रदान कर सके। योग्य प्राथमिक कृषि समितियों को बहुउद्देशीय सेवा केंद्र के रूप में तब्दील करने के लिए आवश्यक निधि ऋण के तौर पर नाबार्ड द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने आहवान किया कि समितियों को कृषि यंत्रीकरण बैंक स्थापित करना चाहिए। ताकि किसान उन्न्त कृषि यंत्रों के साथ खेती द्वारा अपनी पैदावार और आय में वृद्धि कर सकें। किसान अपने स्तर से उन्न्त कृषि यंत्रों को खरीदने में सक्षम नहीं है उसे किराये पर दे सकती है। नाबार्ड योग्य पैक्स, लैंपस को कृषि यंत्रीकरण बैंक स्थापित करने के लिए ऋण उपलब्ध कराएगी।

भंडारण की सुविधा उपलब्ध नहीं होने के कारण किसान अपने उत्पादों को बहुत ही कम दाम पर बेचने के लिए मजबूर होते हैं। प्राथमिक कृषि सहयोग समितियां नाबार्ड से ऋण लेकर अधिक क्षमता की गोदाम बनवा सकते हैं। उन्होंने समितियों से आह्वान किया कि आने वाले समय में समितियां अपने किसानों को बीज उत्पादक समूह के रूप में विकसित करने का प्रयास करें। उन्होंने समितियों को कैशलेश लेनदेन के बारीकियों के बारे में भी विस्तार से बताया।

जिला कृषि पदाधिकारी ने सरकार द्वारा किसानों को दी जा रही सुविधा पर विस्तार से विचारों को रखा। इसमें प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पर विशेष फोकस किया। इससे पहले झारखंड राज्य सहकारी बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय में आयोजित कार्यशाला का उदघाटन जिला कृषि पदाधिकारी सुरेंद्र कुमार सिंह, सहायक निबंधक सूर्यप्रताप सिंह, डीडीएम नाबार्ड नवीन चन्द्र झा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। कार्यशाला में लगभग 30 समितियों के अध्यक्ष,सचिव व सहायक प्रबंधकों ने भाग लिया।


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