Move to Jagran APP

एक हजार पारा शिक्षकों ने दी गिरफ्तारी

दुमका : रांची में लाठी चार्ज का विरोध और साथियों की रिहाई की मांग को लेकर मंगलवार को करीब एक हजार पा

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Nov 2018 09:04 AM (IST)Updated: Wed, 21 Nov 2018 09:04 AM (IST)
एक हजार पारा शिक्षकों ने दी गिरफ्तारी
एक हजार पारा शिक्षकों ने दी गिरफ्तारी

दुमका : रांची में लाठी चार्ज का विरोध और साथियों की रिहाई की मांग को लेकर मंगलवार को करीब एक हजार पारा शिक्षकों ने नगर थाना में गिरफ्तारी दी। देर शाम सभी को छोड़ दिया गया। बुधवार से संकुल संसाधन केंद्र में धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।

loksabha election banner

जिले के आउटडोर स्टेडियम में दोपहर एक बजे तक करीब एक हजार पारा शिक्षक जमा हुए। यहां पारा शिक्षकों ने कहा कि सरकार इस बात को मन से निकाल दे कि वे उसकी धमकी से डरने वाले हैं। मुख्यमंत्री को गलतफहमी हो गई है कि बर्खास्तगी के डर से सभी आंदोलन को छोड़कर काम पर लौट आएंगे। अभी तो यह शुरुआत है। आंदोलन तो अब शुरू होगा। 15 साल के इतिहास में इस मुख्यमंत्री के इशारे पर जो कार्रवाई हुई है वैसी किसी ने नहीं की है। सरकार को लगा था कि वह लाठी के बल पर उनकी आवाज दबा देगी। हमलोग मुख्यमंत्री के पास अपनी बात रखने गए थे, लेकिन बात सुनने की बजाय लाठीचार्ज करा दिया। अब आरपार की लड़ाई का निर्णय लिया गया है तो फिर आंदोलन से पीछे हटने का सवाल ही नहीं उठता है। कहा कि गांव के बच्चों को शिक्षित करने वाले कभी गुंडे नहीं हो सकते हैं लेकिन सरकार की सोच इससे अलग है। उसके खिलाफ आंदोलन करने वालों को गुंडे की संज्ञा दी जाती है। बयान देने से पहले मुख्यमंत्री को यह सोचना चाहिए था कि वह किसके लिए इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं। बुधवार से सभी संकुल केंद्र में धरना प्रदर्शन की शुरुआत की जाएगी।

सभा के बाद सभी जुलूस की शक्ल में सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए नगर थाना पहुंचे और गिरफ्तारी दी। थाना प्रभारी देवव्रत पोद्दार ने बताया कि एक हजार के आसपास शिक्षकों ने गिरफ्तारी दी है। देर शाम सभी को छोड़ दिया गया।

वोट नहीं देने की शपथ

स्टेडियम से बाहर निकलने के पहले सभी पारा शिक्षकों ने शपथ ली कि इस बार चुनाव में पारा शिक्षक और उनके परिजन भाजपा को वोट नहीं देंगे। इसके अलावा दूसरों को भी मतदान नहीं करने के लिए प्रेरित करेंगे।

अब सरकार को ही फैसला करना है। पारा शिक्षकों ने जो निर्णय लिया है, उसी पर अंत तक अमल किया जाएगा।

नहीं किया किसी ने योगदान

सरकार ने पारा शिक्षकों के काम पर वापस लौटने के लिए 20 नवंबर तक की तिथि घोषित की थी लेकिन पारा शिक्षकों पर इस आदेश का कोई असर नहीं पड़ा। बुधवार को एक भी पारा शिक्षक काम पर लौटने की बजाय जेल भरो आंदोलन की तैयारी में लगे रहे। जिले के किसी भी प्रखंड में एक भी पारा शिक्षक ने योगदान नहीं किया है। शिक्षा विभाग ने योगदान न करने से संबंधित रिपोर्ट तैयार कर ली है और देर शाम को सरकार को भेज दी जाएगी। सरकार से आदेश मिलने के बाद पारा शिक्षकों की बर्खास्तगी की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

वर्जन

तय समय सीमा के अंदर एक भी पारा शिक्षकों ने योगदान नहीं किया है। प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी से योगदान नहीं करने वाले शिक्षकों की रिपोर्ट एकत्र कर सरकार को आगे की कार्रवाई के लिए भेज दी गई है। अगले आदेश के बाद ही बर्खास्तगी की कार्रवाई चालू कर दी जाएगी।

मारिया गेरौती तिर्की, जिला शिक्षा अधीक्षक, दुमका


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.