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डकैतों का साथ देने वाला नोनीहाट का मुर्गा व्यवसायी गिरफ्तार

सोमवार को शहर के मारवाड़ी चौक में गणपति ज्वेलर्स में डकैती के प्रयास में अपराधियों की मदद करने के आरोप में गिरफतार कर लिया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Oct 2021 09:28 PM (IST)Updated: Sat, 23 Oct 2021 09:28 PM (IST)
डकैतों का साथ देने वाला नोनीहाट का मुर्गा व्यवसायी गिरफ्तार
डकैतों का साथ देने वाला नोनीहाट का मुर्गा व्यवसायी गिरफ्तार

सोमवार को शहर के मारवाड़ी चौक में गणपति ज्वेलर्स में डकैती के प्रयास में अपराधियों की मदद करने के आरोप में नगर थाना की पुलिस ने शनिवार को नोनीहाट के भदवारी गांव के प्रकाश मंडल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। आरोपित नोनीहाट में मुर्गी का फार्म चलाता है। उसके पड़ोस में डकैती के बाद भाग निकले तीनों आरोपित रहते थे और वह उनकी मदद भी किया करता था।

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अस्पताल में इलाजरत डकैती सुनील मुखिया ने पूछताछ के क्रम में बताया कि वह और भागने वाले तीन साथी प्रकाश मंडल के पड़ोस में डेढ़ साल से रह रहे थे। बदमाशों की प्रकाश से अच्छी जान पहचान भी है। पुलिस ने शुक्रवार दिन मे करीब 11 बजे हंसडीहा थाना की पुलिस के सहयोग से प्रकाश को हिरासत में लिया। रात भर उससे पूछताछ की गई। पुलिस ने प्रकाश को भागे तीनों डकैत का सीसीटीवी फुटेज दिखाया तो उसने एक की पहचान भी कर ली। बताया कि उसका इस केस से कोई लेना देना नहीं है। उनके पिकअप वैन का चालक जरूर तीनों के संपर्क में था। उसने यहां तक बताया कि सुनील उन तीनों डकैत के साथ नहीं रहता था। एक माह पहले सभी ने घर खाली कर दिया था। वहीं आरोपित के भाई का कहना है कि भाई का इस केस से कोई संबंध नहीं है। तीनों डकैत प्रकाश के घर से कुछ दूरी पर रहते थे।पूछताछ के बाद शनिवार की शाम पुलिस ने प्रकाश को सहयोग करने के आरोप में जेल भेज दिया है।

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बालू का करते थे कारोबार

पुलिस सूत्रों की माने तो चारों डकैत नोनीहाट में रहकर बालू का अवैध कारोबार करते थे। जब भी कोई उनके बारे में पूछता तो यही कहते थे कि बालू घाट में काम करते हैं। इस वजह से लोग उन पर शक नहीं कर सके। सवाल यह उठता है कि इतनी बड़ी डकैती का प्रयास करने वाले केवल बालू के धंधे से जुड़े थे, या फिर इसके बहाने अपराध तो नहीं करते थे। पुलिस इसकी भी जांच कर रही है।

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वर्जन

प्रकाश की सभी डकैतों के साथ दोस्ती थी। प्रकाश ही डकैतों को सारी जानकारी एकत्र कर मुहैया कराया कराता था। वह सहयोगी के रूप में काम कर रहा था। डकैतों को सहयोग करने के आरोप में उसे जेल भेजा गया है। उसके खिलाफ कई प्रमाण भी मिले हैं।

देवव्रत पोद्दार, पुलिस निरीक्षक दुमका


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