Move to Jagran APP

ग्रामीणों के लिए समृद्धि का श्रोत बना गंमहरिया का तालाब

केसरीनाथ यादव दलाही मसलिया प्रखंड के रानीघाघर पंचायत के गंहरिया का तालाब अब ग्राम

By JagranEdited By: Published: Thu, 15 Apr 2021 06:10 PM (IST)Updated: Thu, 15 Apr 2021 06:10 PM (IST)
ग्रामीणों के लिए समृद्धि का श्रोत बना गंमहरिया का तालाब
ग्रामीणों के लिए समृद्धि का श्रोत बना गंमहरिया का तालाब

केसरीनाथ यादव, दलाही :

prime article banner

मसलिया प्रखंड के रानीघाघर पंचायत के गंहरिया का तालाब अब ग्रामीणों के लिए समृद्धि का स्त्रोत बन गया है। एक समय ऐसा था कि गम्हरिया बसमत्ता के ग्रामीणों को नहाने व सिचाई के तालाबों के पानी की आशा ही छूट चुकी थी। गर्मी का मौसम आते ही सारा तालाब सूखने लगता था। पर वर्ष 2018-19 में लघु सिचाई विभाग की ओर से 35 लाख से तालाब का जीर्णोद्धार कराया गया। ग्रामीणों की मांग पर तालाब बनवाने का उद्देश्य बस इतना था कि बरसात के बहियार का जल को रोका जा सके। जल संरक्षण कर ग्रामीणों के लिए खेती व नहाने की समस्या का समाधान हो। तालाब के माध्यम से वर्षा के जल को संग्रहित कर सिचाई के रूप में इस्तेमाल किया जा सके। मेढ़ न होने के कारण बहियार का कुछ ही पानी तालाब में रुक पाता था। गम्हरिया तालाब में यह योजना सार्थक साबित हुई। जल को संरक्षित करने की पहल ने रंग दिखाया। संग्रहित जल से आसपास के खेतों व फसलों की सिचाई होने लगी। किसानों के बेकार पड़े खेतों में बारहों महीने हरियाली रहने लगी। आसपास के ग्रामीणों के चेहरे पर खुशियां लौट आई। तालाब से जो आस ग्रामीणों ने कभी नहीं की थी वह सोच ही बदल गयी। ग्रामीण बताते हैं कि न केवल खेती हो रही है, बल्कि साल भर में मत्स्य पालन कर लाखों कमाने लगे हैं। नहाने के लिए जिस प्रकार ग्रामीणों को जिल्लत उठानी पड़ती थी वह भी खत्म हो गई। इस तालाब को सौ वर्ष पहले गम्हरिया के गोविद ठाकुर ने ग्रामीणों के नहाने के लिए तैयार कराया था लेकिन अब वशंज द्वारिका ठाकुर इसका संरक्षण कर रहे हैं। आधा दर्जन गांव में लौटी खुशहाली:

तालाब के जल से बसमत्ता, गम्हरिया, न्याडीह, बेदियाचक,नयापाड़ा आदि गांवों की खुशियां लौटी है। रबी की खेती के अलावा सब्जियों की उपज हो रही है। किसानों की आमदनी बढ़ रही है। तालाब का पानी से लोगों की आजीविका का साधन बनते जा रहा है। ग्रामीण बताते हैं कि दस गांवों के पशुओं को गर्मी के दिनों में काफी राहत मिली है। तालाब में साल भर पानी रहता है। बरसात में 15-18 फिट व गर्मी में 10-12 फिट तक पानी रहता है।

------------------------

तालाब निर्माण के बाद वर्षा जल का संग्रहण सही मायने में होने लगा है, पूर्व बहियार का सारा पानी बहकर चला जाता था, पर अब तालाब में भरा रहता है जिससे खेती के लिए बहुत काम आ रहा है।

मनोज मंडल, गम्हरिया

---

तालाब में पानी प्रचुर मात्रा में रहने के कारण मछली पालन होने लगा है। किसान सलाना डेढ़ से दो लाख मछली पालन कर कमाने लगे हैं। बरसात का जल के संरक्षण का यह परिणाम से हुआ है।

समसुल अंसारी, बेदियाचक


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.