विश्वविद्यालय में पढ़ाई जाएगी पत्थरों को तराशने की कला
दुमका : सिदो-कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय में पड़े बेजान पत्थरों से आदिवासियों कि परंपरा वाद्ययंत्र मा
By JagranEdited By: Published: Wed, 03 Jan 2018 09:05 PM (IST)Updated: Wed, 03 Jan 2018 09:05 PM (IST)
दुमका : सिदो-कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय में पड़े बेजान पत्थरों से आदिवासियों कि परंपरा वाद्ययंत्र मांदर व ¨सगा भी बनाया जाएगा। वर्तमान में कारीगरों ने पत्थरों से नगाड़ा बना कर तैयार कर दिया है। कुलपति प्रो. मनोरंजन प्रसाद सिन्हा ने बुधवार को बताया कि संताल परगना में पत्थरों की कोई कमी नहीं है। जुलाई 2018 से नए सत्र में इससे संबंधित एक पाठ्यक्रम की पढ़ाई शुरू की जाएगी। लागू करने के पूर्व समिति का गठन किया जाएगा जो इस पाठ्यक्रम के लिए सिलेबस तैयार करेगा। यहां के छात्रों को शिकारीपाड़ा प्रखंड स्थित पाकदाहा गांव के स्वयं सहायता समूह अनुपम के सदस्यों की ओर से प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। कुलपति ने कहा कि इन पत्थरों से छोटे-छोटे मोमेंटो भी बनवाया जाएगा।
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