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बहनोई के कहने पर अपराध की दुनियां में नसीम ने रखा था कदम

दुमका अंतरराज्यीय गिरोह का शातिर अपराधी नसीम खान ने 2004 में अपराध की दुनियां में कदम रखा। बहनोई सराफत अंसारी के कहने पर वह उनके गिरोह में शामिल हो गया और धनबाद से औरंगाबाद जा रही अजित अरविद बस में बरही के पास लूटपाट किया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 07 Nov 2019 04:25 PM (IST)Updated: Thu, 07 Nov 2019 04:25 PM (IST)
बहनोई के कहने पर अपराध की दुनियां में नसीम ने रखा था कदम
बहनोई के कहने पर अपराध की दुनियां में नसीम ने रखा था कदम

दुमका : अंतरराज्यीय गिरोह का शातिर अपराधी नसीम खान ने 2004 में अपराध की दुनियां में कदम रखा। बहनोई सराफत अंसारी के कहने पर वह उनके गिरोह में शामिल हो गया और धनबाद से औरंगाबाद जा रही अजित अरविद बस में बरही के पास लूटपाट किया। इसके साथ बहनोई सराफत के अलावा लखन मेहता, कामदेव मेहता एवं प्रदीप शाह ने घटना को अंजाम दिया था। इस लूटपाट में नसीम को पांच हजार रुपया बतौर हिस्सा मिला था। इसके बाद वह धीरे-धीरे अपराध की दुनियां में कदम बढ़ाना शुरू किया और आज वह हजारीबाग को छोड़कर गुड़गांव में पनाह ले लिया। उसके पास इतनी अकूत संपत्ति है कि गुड़गांव में तीन मंजिला मकान बना लिया। 2004 में ही टाटा से पटना जा रही बस को निशाना बनाया जिसमें बहनोई के साथ शहंशाह अंसारी, सिधो महतो भी था। कांड के उद्भेदन के दौरान पुलिस के हत्थे चढ़ गया। धनबाद जेल में बंद रहा।

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बस लूट से सफर शुरू करने के बाद बन गया बैंक लूट का मास्टर माइंड

बस लूटकांड की दो घटना को अंजाम देने के बाद धनबाद से हजारीबाग सेंट्रल जेल शिफ्ट होते ही नसीम के अपराध का ग्राफ तेजी से बढ़ गया। उसकी मुलाकात वहां माधव दास एवं राजेश पोद्दार से हो गई। हजारीबाग जेल ही अपराध का टर्निग प्वाइंट बना। जेल में ही बंगाल में बैंक डकैती की पटकथा लिखी गई। नसीम ने पुलिस के समक्ष इस बात को स्वीकारा कि राजेश पोद्दार ने जेल में ही बंगाल में बैंक डकैती की पूरी योजना समझाया। 2006 में तीनों जेल से बाहर आए। तीनों हुगली चले गए और राजेश की पहचान पर माधव दास ने दो बाइक को क्रय किया। 2006 में तीनों ने देवरिया के कमलेश सिंह, प्रभुनाथ सिंह, राजेश सिन्हा, पंकज दास एवं नीरज दास के साथ यूनाइटेड बैंक को लूटा जिसमें 2.70 लाख की लूट की गई। बंगाल में एक के बाद एक लगातार घटनाओं को अंजाम दिया जाने लगा। 2006-7 में माधव दास, आलोक, पंकज, नीरज एवं राजेश के साथ हुगली के श्रीरामपुर में यूनाइटेड बैंक पर हमला कर तीन लाख रुपया लूट लिया। मनोबल बढ़ता गया और घटनाएं लगातार होने लगी। हालांकि सभी घटनाएं ग्रामीण क्षेत्र में की जा रही थी। इसी साल विष्णुधारी दास, अमित दास, माधव दास, राजेश सिन्हा, राजेश दास, नीरज दास के साथ मिलकर यूनाइटेड बैंक चंदन नगर में 35 लाख रुपया लूट लिया।

झंझट के बाद माधव दास गिरोह से हो गया अलग

2008 में पुरुलिया पीएनबी में 84 लाख रुपया लूटने के बाद बंटवारे में हुए झंझट के बाद नसीम ने माधव दास से किनारा कर लिया। और बिहार के शातिर अपराधी के संपर्क में आ गया। देवघर के धनगोर का रहनेवाला रंजीत दास, अमित दास, बांका के दुर्गा यादव, चुन्नु अंसारी। गिरिडीह बिरनी का रहनेवाला बबलू अंसारी। मुर्शिदाबाद के शुकुर मंडल, बैदुल मंडल और मुंगेर के राजेश उर्फ राजू शर्मा एवं नवादा के सुनील पांडेय के साथ मिलकर एक नया गिरोह बना लिया। इसके बाद पहला प्रयास 2009 में दुमका ग्रामीण बैंक लूटने का किया जिसमें सफलता नहीं मिली। नसीम पकड़ा गया और पुरुलिया पुलिस रिमांड पर ले गई। जेल से छूटने के बाद इसने घटना को अंजाम देना शुरू किया। बिहार के सासाराम में 2011 में पहली घटना को अंजाम दिया और 62 लाख रुपया लूट लिया।

देवीपुर में रुपया के साथ दबोचा गया था नसीम

अपना गिरोह बनाने के बाद बिहार में पहली घटना में सफलता मिलने के बाद 2012 में ग्रामीण बैंक बहरमपुर में धावा बोलकर 14 लाख लूटा। लेकिन लूट के बाद लौटते वक्त देवघर के देवीपुर में पुलिस चेकिग में रुपया के साथ दबोचा गया। अपराध को तौबा करने के बजाय उसमें और आगे निकलने की कोशिश करता रहा। 2014 में बैंडेल हुगली में 8 लाख। बाउड़िया हावड़ा में सात लाख, कटैली मोड़ बांका में तीन लाख लूट लिया। लेकिन इस बार वह भुवनेश्वर एयरपोर्ट पर पकड़ा गया। 2018 के दिसंबर महीने में दुमका पंजाब नेशनल बैंक में लूट की घटना को अंजाम दिया। 31 लाख रुपये की लूट इसमें की गई थी।


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