सावन में 27 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने किया जलाभिषेक, दो करोड़ 42 लाख की हुई आमदनी
बासुकीनाथ मंदिर की ख्याति दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही है। राजकीय श्रावणी मेला महोत्सव के दरम्यान 28 जुलाई से 26 अगस्त तक 27,68988 भक्तों ने पूजा अर्चना किया।
बासुकीनाथ, जेएनएन। बासुकीनाथ मंदिर की ख्याति दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही है। राजकीय श्रावणी मेला महोत्सव के दरम्यान 28 जुलाई से 26 अगस्त तक 27,68988 भक्तों ने पूजा अर्चना किया। एसडीओ राकेश कुमार ने बताया कि इस वर्ष श्रावणी मेला के दौरान 26 अगस्त तक मंदिर प्रबंधन को कुल दो करोड़ 42 लाख 69564 रूपये की आय हुई। जिसमें शीघ्र दर्शनम् के तहत एक करोड़ 87 लाख 20600 रुपये की आय प्राप्त हुई। इसमें गोलक, दान पेटी, सिक्का बिक्री सहित अन्य स्त्रोत से प्राप्त आय शामिल है।
बताया कि चढ़ावे के द्रव्यों से निíमत चांदी के दस ग्राम के 245 सिक्के एवं चांदी के पांच ग्राम के 288 सिक्के एवं सोने के दो ग्राम के दो सिक्के की बिक्री हुई। इधर बासुकीनाथ मंदिर प्रभारी सह जरमुंडी सीओ विकास कुमार त्रिवेदी ने बताया कि इस वर्ष श्रावणी मेला के दौरान 26 अगस्त तक 27 लाख 68 हजार 988 दर्शनाíथयों ने जलाभिषेक किया। पिछले वर्ष 24 लाख 87 हजार दर्शनाíथयों ने जलाभिषेक किया था।
इस वर्ष चार लाख 19 हजार 80 दर्शनाíथयों ने जलार्पण काउंटर से जलाभिषेक किया। वहीं 21162 भक्तों ने डाक बम के रूप में एवं शीघ्र दर्शनम व्यवस्था के तहत 62402 भक्तों ने पूजा किया। प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. रमेश ने बताया कि श्रावणी मेला में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा कुल 13 स्वास्थ्य केन्द्र बनाए गए थे। डॉक्टर ने कहा कि इन स्वास्थ्य शिविरों में कुल 90350 कांवरियों का ईलाज किया गया जबकि गंभीर रूप से बीमार लोगों को रेफर किया गया।
वहीं 14 पोलियो बूथ के माध्यम से 18957 बच्चों को पोलियोरोधी दवा पिलायी गई। डीपीआरओ राशिद अख्तर ने बताया कि मेला क्षेत्र में सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के द्वारा कुल पांच शिविर लगाए गए। इसके माध्यम से 355086 बिछड़ों को मिलाया गया। इसके अलावा इस वर्ष विभाग द्वारा बनाए गए रात्रि आवासन शिविर में 135911 कांवरियों ने निस्शुल्क रात्रि विश्राम किया।
मयुराक्षी कला मंच के द्वारा प्रत्येक दिवस को सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। वहीं जिला जनसंपर्क विभाग के शिविर में 135911 एवं टेंट सिटी में 125161 लोगों ने विश्राम किया। इसके अलावा कुल चार यात्रियों को घर भेजा गया। खोया पाया कोष के माध्यम से यात्रियों को 28 हजार रुपये एवं इससे प्राप्त राशि 18664 रुपये की आय हुई