ब्लू टूथ स्पीकर से चला रहे मोहल्ला क्लास
कोरोना काल में खासतौर पर सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब बचों के लिए तालिम हासिल करना एक चुनौती बन गई है। हालांकि इस चुनौती को आसान करने वाले भी कम नहीं हैं।
रामकुमार दर्बे, जामा :
कोरोना काल में खासतौर पर सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब बच्चों के लिए तालिम हासिल करना एक चुनौती बन गई है। हालांकि इस चुनौती को आसान करने वाले भी कम नहीं हैं। सरकारी स्कूल के शिक्षकों ने कई ऐसे नायाब प्रयास किए हैं जिससे बच्चों को शिक्षा हासिल करने में सहूलियत हो रही है। ऐसे ही शिक्षकों में शामिल हैं दुमका जिले के जामा प्रखंड के एक शिक्षक राकेश कुमार सिंह। जिन्होंने गरीब बच्चों को पढ़ाने के लिए खुद एक ब्लू टूथ स्पीकर खरीदा और अब घुम घुम कर टोला में मोहल्ला क्लास लगाकर बच्चों को पढ़ा रहे हैं। राकेश जामा प्रखंड के अमलाचातर स्कूल में गणित व विज्ञान के शिक्षक हैं।
राकेश बताते हैं कि मार्च के बाद विद्यालय बंद हो गए थे। बच्चों की पढ़ाई को लेकर चिता सता रही थी। इसी दौरान सरकार द्वारा आनलाइन डिजिटल एजुकेशन कार्यक्रम की शुरूआत कर दी गई। ऐसे में सुदूर गांवों में गरीब अभिभावक जिनके पास स्मार्ट फोन नहीं था उनके बच्चों के लिए डिजिटल एजुकेशन संभव नहीं हो पा रही थी। कई गांव में मोबाइल नेटवर्क व रिचार्ज की समस्या सामने थी। इन परिस्थितियों को देखने के बाद सबसे पहले खुद के पैसे एक ब्लू टूथ स्पीकर खरीदा और फिर अगस्त माह से गांव के टोलों में जाकर बच्चों को पढ़ाने का फैसला किया। एक दिन में दो टोलों में बच्चों के बीच शारीरिक दूरी बनाकर सैनिटाइजर एवं मास्क लगवा कर दो-दो घंटे पढ़ाना शुरू किया। इससे अभिभावक और बच्चे दोनों बहुत खुश हैं। डिजिटल कंटेंट को सुनाने के लिए ब्लू टूथ स्पीकर काफी सफल और असरदार साबित हो रहा है। राकेश बताते हैं कि प्रत्येक शनिवार को होने वाले क्विज प्रतियोगिता में बच्चे भाग लेते हैं और 80 फीसद से ज्यादा बच्चे प्रतियोगिता में सफल होते हैं। उनके इस प्रयास में स्कूल के प्रधानाध्यापक दिलीप साह एवं सीआरपी शेखर की भूमिका भी अहम है क्योंकि सभी मिलकर मोहल्ला क्लास का संचालन कर रहे हैं।