दो महीने में ही जमींदोज हो गया मनरेगा सिचाई कूप
रामगढ़ रामगढ़ प्रखंड में मनरेगा योजना के तहत बने सिचाई कूप में बिचौलिया द्वारा इस कदर अनियमितता बरती गई कि दो माह में ही पूरा सिचाई कूप जमींदोज हो गया। प्रखंड के कांजो पंचायत अंतर्गत पतसर गांव में उमेश मांझी की जमीन पर बनाया गया सिचाई कूप बुधवार की रात पूरी तरह जमींदोज हो गया।
रामगढ़ : रामगढ़ प्रखंड में मनरेगा योजना के तहत बने सिचाई कूप में बिचौलिया द्वारा इस कदर अनियमितता बरती गई कि दो माह में ही पूरा सिचाई कूप जमींदोज हो गया। प्रखंड के कांजो पंचायत अंतर्गत पतसर गांव में उमेश मांझी की जमीन पर बनाया गया सिचाई कूप बुधवार की रात पूरी तरह जमींदोज हो गया। पूरा सिचाई कूप ही ध्वस्त हो गया। वित्तीय वर्ष 2017-18 में पतसर गांव में उमेश मांझी के नाम से 3.40 लाख रुपये की लागत से एक सिचाई कूप की स्वीकृति हुई। इसमें 1,71,696 रुपया मजदूरी मद में और 1,68,304 सामग्री मद में खर्च किया जाना था। उमेश के अनुसार उसके सिचाई कूप पर बौंड़िया गांव के एक बिचौलिया की नजर लग गई। बिचौलिया द्वारा बताया गया कि वह उनका सिचाई कूप का काम करा देगा। इसके बाद बिचौलिया पंचायत के रोजगार सेवक के साथ मिलकर कार्य प्रारंभ किया। दो माह पूर्व ही कूप निर्माण का कार्य पूर्ण हुआ। लेकिन बुधवार की रात ही यह पूरी तरह जमींदोज हो गया। इस योजना में अभी तक मजदूरी मद में 1,16,532 रुपये की निकासी की जा चुकी है। लाभुक उमेश ने बताया कि कूप निर्माण में बिचौलिया एवं रोजगार सेवक द्वारा जमकर अनियमितता बरती गई है जिसके कारण ही दो माह में कूप पूरी तरह ध्वस्त हो गया। लाभुक के अनुसार कूप में काफी घटिया किस्म में ईट का प्रयोग किया गया था। लाभुक ने बताया कि जियो टैग के समय उसे भी योजना स्थल पर नहीं बुलाया गया था। उनके जमीन पर किसी दूसरे व्यक्ति को खड़ा कर जियो टैग कर योजना का निर्माण कराया गया है। वहीं इस मामले में प्रखंड विकास पदाधिकारी साइमन मरांडी ने कहा कि बरसात के कारण सिचाई कूप धंस गया है। इसे हरहाल में फिर से दुबारा बनवाया जाएगा। वहीं कूप निर्माण में संबंधित रोजगार सेवक द्वारा बरती गई अनियमितता की जांच भी कराई जाएगी। दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।