स्वामी विवेकानंद को आदर्श मानें युवा : मंत्री
दुमका : देश के युवाओं को स्वामी विवेकानंद को अपना आदर्श मानना चाहिए। उनके बताए रास्ते पर चल कर ही
दुमका : देश के युवाओं को स्वामी विवेकानंद को अपना आदर्श मानना चाहिए। उनके बताए रास्ते पर चल कर ही देश व अपना भला कर सकते हैं। उक्त बातें सिदो-कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय में सोमवार से शुरू हुए दो दिवसीय युवा महोत्सव (उत्कर्ष) का उद्घाटन करते हुए श्रम नियोजन प्रशिक्षण व कौशल व विकास मंत्री राज पलिवार ने कही।
कहा कि शिकागो धर्म सम्मेलन में विवेकानंद ने जो भारतीय होने की छाप छोड़ी वह अनुकरणीय है। देश आजाद होने के बाद सत्ता गलत हाथों में चली गई, जिस कारण युवाओं को सही रास्ता दिखाने वाला कोई नहीं मिला। यही कारण है कि आज कुछ युवा अफजल गुरु को अपना आदर्श मानने लगे हैं। इसलिए आज कल जेएनयू में भारत तेरे टुकड़े होंगे, इंशा अल्लाह के नारे लगते हैं। कहा कि नए कुलपति प्रो. मनोरंजन प्रसाद सिन्हा के कार्यकाल में सत्र नियमित हो रहा है। इसके लिए कुलपति धन्यवाद के पात्र है। संताल परगना के लोगो को अब भरोसा हो गया है कि विवि आगे बढ़ रहा है। विवि को ऐसा बनाएं कि देश भर में इसका नाम हो। इस तरह के कार्यक्रम से छात्रों को उचित प्लेटफॉर्म मिलता है, जिससे वे एक निश्चित मुकाम हासिल कर सके। इच्छा है कि नक्सल क्षेत्र व छोटे जिलों में भी रोजगार मेला लगे। देश पूर्व में आध्यात्म, व्यापार आदि में विश्वगुरु था। सोने की चिड़िया कहा जाता था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश एकबार फिर विश्वगुरु बनने की राह पर अग्रसर है। प्रधानमंत्री की बातों को विश्व में सुना जा रहा है। देश में आक्रमणकारी कितने आए, सभी ने देश के सांस्कृतिक को समाप्त करना चाहा लेकिन देशवासियों ने इसे समाप्त होने नहीं दिया । विश्व की युवाओं के करीब 35 फीसद आबादी हमारे देश में रहते है। हम इनका उपयोग कर गरीबी दूर भगा सकते है।
जमाना झुकता है, झुकानेवाला चाहिए
मंत्री यहीं नहीं रुके। कहा कि जमाना झुकता है, झुकाने वाला चाहिए। कहा कि कोई काम बड़ा या छोटा नहीं होता है। रिलायंस कंपनी के संस्थापक धीरूबाई अंबानी का उदाहरण देते हुए समझाया। जो भी काम करे पूरी ईमानदारी से करें। धोनी जैसे खिलाड़ी आज देश की पहचान है।
रामकृष्ण जैसे गुरु की तलाश
कुलपति प्रो. मनोरंजन प्रसाद सिन्हा ने अपनी अध्यक्षीय भाषण में ये ना सिर्फ छात्रों को महोत्सव है, बल्कि प्राध्यापकों का भी है। समय-समय पर यूजीसी के द्वारा सिलेबस अपग्रेड करने के लिए निर्देश मिलते रहते हैं। इसी के अनुसार पाठ्यक्रम भी बदलते रहते है। एसोसिएशन आफ इंडियन विवि के नियमानुसार हर वर्ष महोत्सव कराएं जाने का प्रावधान है। लेकिन यहां 26 साल के इतिहास में पहली बार हो रहा है। इतनी ठंड के बावजूद छात्रों ने झांकी निकाली यह बहुत हिम्मत ही बात है। यहां कई विवेकानंद हैं सिर्फ रामकृष्ण परमहंस जैसे गुरुओं की तलाश है। वही यहां कई गुरु रामकृष्ण परमहंस हैं उन्हें विवेकानंद की तलाश है। यदि दोनों एक साथ मिल जाए तो पुन: एकबार देश इतिहास लिखेगा। आने वाले समय में एक भव्य सांस्कृतिक भवन का निर्माण करवाया जाएगा। महोत्सव आने वाले समय में मील का पत्थर साबित होगा। जब सिदो-कान्हू मुर्मू बिना संसाधन के अंग्रेजों से लड़े तो हमारे पास तो संसाधन है। विवि का देश में स्थान बन सकता है। सामूहिक प्रयास की जरूरत है।
महोत्सव के पूर्व मंत्री ने परिसर में स्थित अमर शहीद सिदो-कान्हु के प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। कार्यक्रम की शुरुआत कुलपति ने विवि का झंडा ध्वजारोहण कर की। कुलपति ने मंत्री को मोमेंटो व शॉल देकर सम्मानित किया। एएस कॉलेज के छात्राओं ने स्वागत गीत गाकर कार्यक्रम की शुरूआत की। मंच संचालन डॉ. अंजनी शर्मा व प्रो. अंजुला मुर्मू ने किया, धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव डॉ. डीएन ¨सह ने किया।