30 साल से छठ व्रत कर रही मीना
बासुकीनाथ जरमुंडी प्रखंड क्षेत्र के कायस्थ बहुल नावाडीह गांव के विनय सिन्हा की पत्नी मीना देवी लगभग 30 वर्षो से लोक आस्था का महापर्व छठ करते आ रही है। अपने अनुभव को साझा करते हुए मीना देवी ने कहा कि उनके पूर्वजों से छठ पर्व करने की परंपरा चली आ रही है। परददिया सास ददिया सास व सास के बाद वे इस परंपरा का निर्वहन कर रही हैं।
बासुकीनाथ : जरमुंडी प्रखंड क्षेत्र के कायस्थ बहुल नावाडीह गांव के विनय सिन्हा की पत्नी मीना देवी लगभग 30 वर्षो से लोक आस्था का महापर्व छठ करते आ रही है। अपने अनुभव को साझा करते हुए मीना देवी ने कहा कि उनके पूर्वजों से छठ पर्व करने की परंपरा चली आ रही है। परददिया सास, ददिया सास व सास के बाद वे इस परंपरा का निर्वहन कर रही हैं। पुत्र प्रवीण कृष्ण, क्रांति, कारू लाल पुत्रवधु मंजरी देवी, पूजा सिन्हा व वर्तमान पीढ़ी के अन्य सदस्यों को भी अनवरत रूप से छठ पर्व करने का निर्देश दिया है। छठ पर्व के अपने अनुभव के बारे में मीना देवी बताती हैं कि सास की प्रेरणा से छठ करने के बाद असीम मानसिक शांति व ऊर्जा का अनुभव हुआ। उसके बाद से लगातार लगभग 30 वर्ष से छठ महापर्व करते आ रही हैं। परिवार में सुख, शांति व समृद्धि सब कुछ छठी मैया की कृपा से ही संभव हुआ है। काíतक मास व चैत्र मास में नियम निष्ठा पूर्वक छठ करती है। दुर्गापूजा के बाद से ही इसकी तैयारी शुरू कर दी थी। मीना देवी सहित नावाडीह के सभी छठ व्रतियों के द्वारा बासुकीनाथ स्थित ऐतिहासिक व पवित्र शिवगंगा घाट में छठ व्रत का अर्घ्य दिया जाता है। पर्व को लेकर संपूर्ण नावाडीह का माहौल भक्तिमय बना रहता है। इस महापर्व में कायस्थ बहुल नावाडीह गांव के अधिकांश निवासी जो देश के कोने-कोने में नौकरी अथवा स्वरोजगार करने के लिए वसोवास कर रहे होते हैं वे सभी इस महापर्व में अपने पैतृक आवास में जुटते हैं एवं सभी छोटे-बड़े मिलकर छठी मैया की आराधना करते हैं। शिवगंगा घाट में देश-विदेश के श्रद्धालु आकर श्रद्धा पूर्वक छठ महापर्व करते हैं। मीना देवी ने कहा कि अपने परिजनों सहित सभी का कल्याण हो इसी कामना के निमित्त यह महापर्व करती है। बासुकीनाथ की नगरी में कमोबेश प्रत्येक घर में
छठ पर्व का आयोजन होता है। जिनके घरों में छठ पर्व नहीं होता है वे अपने बगल के घरों में पूजन सामग्री अथवा आíथक सहयोग देकर छठ पूजा में सहभागी अवश्य बनते हैं।