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जीवन दान सबसे बड़ा काम

दुमका : मारवाड़ी युवा मंच और प्रेरणा शाखा की ओर से शनिवार को अग्रेसन भवन में दो दिवसीय जांच शिविर चालू हुआ। पहले दिन करीब दो सौ लोगों ने निबंधन कराया। सभी की चलंत वाहन में आधुनिक मशीनों से जांच की गई।

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Jan 2019 05:18 PM (IST)Updated: Sat, 19 Jan 2019 05:18 PM (IST)
जीवन दान सबसे बड़ा काम
जीवन दान सबसे बड़ा काम

दुमका : मारवाड़ी युवा मंच और प्रेरणा शाखा की ओर से शनिवार को अग्रेसन भवन में दो दिवसीय जांच शिविर चालू हुआ। पहले दिन करीब दो सौ लोगों ने निबंधन कराया। सभी की चलंत वाहन में आधुनिक मशीनों से जांच की गई।

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शिविर में आए सभी पदाधिकारियों का मंच के सदस्यों ने फूल का गुलदस्ता देकर स्वागत किया। बारी बारी से मंच के सदस्य अतिथियों को मंच तक ले गए। शिविर को संबोधित करते हुए एसपी वाई एस रमेश ने कहा कि युवा मंच का यह प्रयास सराहनीय है। इस नेक कार्य में पूरा सहयोग करने के लिए तत्पर हैं और रहेंगे। जीवन दान देना दुनिया का सबसे बड़ा काम हैं। लोग पैसे और जानकारी के अभाव में जांच नहीं करा पाते हैं। अगर समय से जांच हो जाए तो उनके जीवन को बचाया जा सकता है। हमारे गांव कर्नाटक में बड़ी संख्या में मारवाड़ी रहते हैं, इसलिए इस समाज के प्रति शुरू से लगाव रहा है। नगर परिषद अध्यक्ष श्वेता झा ने कहा कि लोगों को कैंसर जैसी घातक बीमारी से मुक्ति दिलाना बहुत बड़ा काम है। बहुत कम लोग ऐसे होते हैं जो दूसरे के चेहरे पर मुस्कराहट लाने का काम करते हैं। ऐसे लोगों को अगर फरिश्ता कहा जाए तो गलत नहीं होगा। मारवाड़ी युवा मंच इस कार्य को बखूबी से निभा रहा है। एसडीओ राकेश कुमार ने कहा कि एक पदाधिकारी होने के नाते सामाजिक कार्य के लिए किसी तरह का फंड नहीं होता है। ऐसे ही संगठन के माध्यम से सेवा करनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से समाज के लोग कपड़ा बैंक चला रहे हैं उसी तरह से रोटी बैंक भी चलाने की आवश्यकता है। जिस तरह से कपड़ा बैंक में लोगों की भीड़ होती है उसे देखकर लगता है कि यहां पर एक वोलेंटियर को रखकर कपड़ा दिया जाए। आइएमए के अध्यक्ष डॉ. डीएन पांडेय ने कहा कि आइएमए इस तरह के काम नहीं करता है लेकिन सेवा देने के लिए हमेशा तैयार है। कैंसर का नाम सुनकर ही लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं। अगर समय पर पहचान हो जाए तो इलाज भी संभव है। मंच के प्रांतीय उपाध्यक्ष कमलेश कोठरीवाल ने कहा कि शुरूआत में पहचान नहीं होने के कारण लोगों को जब बीमारी के बारे में पता चलता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। लोगों की जान बचाने के लिए जांच शिविर का आयोजन किया गया है। मंच के अध्यक्ष विजय वर्मा ने कहा कि तीन साल पहले शिविर का आयोजन कर 386 लोगों की जांच की गई थी। जिसमें तीन में कैंसर का लक्षण मिला था। समय पर इलाज होने की वजह से आज तीनों जीवित हैं। कैंसर से घबराने की जरूरत नहीं है। केवल समय पर जांच अवश्य कराकर बीमारी को बढ़ने से रोका जा सकता है। मंच संचालन करते हुए गुंजा पटवारी ने कहा कि लोगों को बीमारी के प्रति जागरूक करने के लिए ही शिविर लगाया गया है। मंच का प्रयास है कि लोगों को इसके प्रति जागरूक किया जाए। मंच और प्रेरणा शाखा के प्रयास से अब तक देश में 1.21 लोगों की जांच की जा चुकी है। कैंसर भारत बनाने का प्रयास है। राजा मेहरिया ने कहा कि देश में किसी प्रकार की आपदा आने पर मंच के सदस्य सेवा देने के लिए सबसे आगे रहते हैं। लोगों का जीवन बचाना ही एक मात्र ध्येय है। मौके पर सिविल सर्जन डॉ. अनंत कुमार झा, डॉ. तुषार कांति, विपुल मंडल, मनोज घोष, विशेष मोदी, नीलम मोदी, दिव्या वर्मा, सुनील घीड़िया, प्रेम बजाज, राजू सोनी, राजेंद्र बसईवाला, नीलम मोर, सौरभ संतालिया, राकेश हेतमपुरिया, प्रीति मोदी, संदीप पटवारी, संगीता बजाज, शन्नू अग्रवाल, प्रकाश सुल्तानिया, रमन वर्मा आदि मौजूद थे।


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