मानसिक रोग के प्रति जागरूकता की कमी
दुमका विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के पांच दिवसीय कार्यक्रम के तहत रविवार को नवभारत जागृति केंद्र में कार्यशाला का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि संताल परगना कॉलेज के मनोविज्ञान विभाग के प्रोफेसर सह मानसिक स्वास्थ्य केंद्र के निदेशक डॉ. विनोद कुमार शर्मा ने कहा कि लोगों में मानसिक रोग के प्रति जागरूकता की कमी है बल्कि भ्रांतियां भी उतनी ही प्रबल हैं।
दुमका : विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के पांच दिवसीय कार्यक्रम के तहत रविवार को नवभारत जागृति केंद्र में कार्यशाला का आयोजन किया गया।
मुख्य अतिथि संताल परगना कॉलेज के मनोविज्ञान विभाग के प्रोफेसर सह मानसिक स्वास्थ्य केंद्र के निदेशक डॉ. विनोद कुमार शर्मा ने कहा कि लोगों में मानसिक रोग के प्रति जागरूकता की कमी है बल्कि भ्रांतियां भी उतनी ही प्रबल हैं। सामाजिक निदा के भय से व झाड़फूंक के चक्कर में लोग सामान्य तनाव, चिता से शिजोफ्रेनिया जैसे तीव्र मानसिक रोग का शिकार बन जाते हैं। आíथक तंगी, बेरोजगारी, रोजगार के अवसरों का ना होना विषादग्रस्त बनाता ही है, साथ ही शारीरिक निश्शक्ततापन के हीन भावना, शराब, निकोटिन आदि का नशा भी मौत के करीब ले जाता है। जरूरत है आत्मबल को मजबूत कर बुलंद इरादे व यथार्थ निर्णय के साथ जिदगी जीने का प्रयास करना। लोगों को चाहिए कि वे गांव समाज में समरस सामाजिक माहौल बनाकर सभी के भावनाओं व संवेगों का कद्र करें। सबको संवेगों की अभिव्यक्ति का पूरा मौका दें। साइकियाट्रिक सोशल वर्कर जुल्फिकार अली भूट्टो ने भी मानसिक रोग के लक्षणों, रोग प्रकार व सुसाइड के विभिन्न पहलुओं की विस्तृत चर्चा की। साथ ही मानसिक स्वास्थ्य केंद्र से मिलनेवाली सुविधाओं के बारे में भी लोगों को जानकारी दी। मौके पर जागृति केंद्र के तुषार पाल, हेमंत मंडल आदि मौजूद थे।