LIVE Dumka By Election Result 2020: प्रत्याशियों से अधिक प्रचारकों की प्रतिष्ठा दांव पर, दुमका सीट पर मूंछ की लड़ाई
LIVE Dumka By Election Result 2020 दुमका के इंजीनियरिंग कॉलेज परिसर के मुख्य द्वार पर संतोष गोराईं ने मंगलवार को ठेले पर चाय की दुकान लगा रखी है क्योंकि कुछ ही देर में दुमका उपचुनाव की मतगणना यहां शुरू होने वाली है।
राजीव, दुमका: दुमका के इंजीनियरिंग कॉलेज परिसर के मुख्य द्वार पर संतोष गोराईं ने मंगलवार को ठेले पर चाय की दुकान लगा रखी है, क्योंकि कुछ ही देर में दुमका उपचुनाव की मतगणना यहां शुरू होने वाली है। इधर सुबह की सैर पर निकले कुछ लोग यहां जम गए हैं। इनकी जुबां पर चर्चा सिर्फ प्रत्याशियों की जीत-हार की। चाय की चुस्कियां लेते हुए दुमका के अनिल कुमार कहते हैं कि इतना तीखा चुनाव नहीं देखा आज तक। इस उपचुनाव में प्रत्याशियों के ही नहीं बल्कि सूबे के पांच मुख्यमंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर है। झामुमो की ओर से खुद पार्टी सुप्रीमो व पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन एक नवंबर तक दुमका में जमे हुए थे, कारण उनके छोटे पुत्र बसंत सोरेन दंगल में ताल ठोंक रहे हैं। वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की प्रतिष्ठा भी अनुज भ्राता के जीत-हार से जुड़ी है। सो, खुद दुमका में कैंप कर मतदाताओं के बीच खूब प्रचार किए और भाई को वोट देने की अपील कर गए हैं। इनके अलावा कैबिनेट के अधिकांश मंत्री भी बसंत सोरेन के लिए पूरी ताकत लगा रखी थी।
इधर, दूसरी ओर दुमका सीट से भाजपा को पहली बार जीत का स्वाद चखाने वाली पूर्व मंत्री डॉ.लुइस मरांडी की जीत का मार्ग प्रशस्त करने के लिए राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, केंद्रीय मंत्री व पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा एवं पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने पसीना बहाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इतना ही नहीं, आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो और जदयू के नेता भी भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में मतदाताओं को खूब रिझाया है। अनिल ने कहा, अब देखिए आज परिणाम किसके पक्ष में आता है।
दिवाकर शर्मा कहते हैं कि भले ही यह सीट झामुमो की परंपरागत सीटों में से एक है, लेकिन भाजपा इस पर एक बार सेंधमारी कर इस दुर्ग को भेद चुकी है। इसलिए पिछली बार की हार का बदला चुकाने के लिए भाजपा ने कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी है। राजेश साह ने कहा कि अबकी तगड़ी लड़ाई है। इस बार चुनाव में लड़ाई मुद्दों की नहीं, मूंछ की हो गई है। झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन की मंशा है कि उनका छोटा पुत्र बसंत भी अब राजनीति में स्थापित हो जाए। इसलिए दुमका आकर वे अपनी मौजूदगी का अहसास करा रहे थे।
ब्रजकिशोर झा ने कहा कि बाबूलाल मरांडी जब भाजपा में थे तो राज्य के पहले मुख्यमंत्री बने थे, लेकिन बीच में अपनी अलग पार्टी बनाकर राजनीति कर रहे थे। अब उनकी वापसी भाजपा में हुई है तो उसका लाभ भी भाजपा को मिलने की उम्मीद है। दुमका उनकी राजनीतिक कर्मभूमि रही है। इसलिए भाजपा में पुनर्वापसी के बाद उपचुनाव में जी-जान से जनसंपर्क व सभाएं कर रहे थे। इसका असर ग्रामीण इलाकों के मतदाताओं खासकर आदिवासियों पर इस चुनाव परिणाम में देखने को मिल सकता है। इसके लिए चुनाव का नतीजा आने तक कुछ घंटे और इंतजार करना होगा। दुबराज मंडल कहते हैं कि भाजपा ने पूरी ताकत लगाई है इस उपचुनाव को जीतने लिए। सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री व वर्तमान में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा को भी भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने के लिए समर में उतारा गया था, जबकि राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास भी पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार का चुकता दुमका उपचुनाव से शुरू कर करना चाहते हैं। सो, ताकत तो वे भी लगा रखे थे।
सरोज कुमार ने कहा कि कोई किसी से कम नहीं है। चुनाव जीतने के लिए झामुमो के सांसद, विधायकों की तो छोडि़ए हेमंत कैबिनेट के अधिकांश मंत्री दुमका में कैंप कर महागठबंधन के प्रत्याशी बसंत सोरेन के पक्ष में मतदाताओं को रिझा कर लौटे हैं। झामुमो फोल्डर से चंपाई सोरेन, जोबा मांझी, मिथिलेश ठाकुर, कांग्रेस के डॉ.रामेश्वर उरांव, आलमगीर आलम, बादल पत्रलेख, राजद के सत्यानंद भोक्ता मतदाताओं को गोलबंद करने के लिए दुमका में डटे हुए थे। आज के दिन का इन्हेंं भी बेसब्री से इंतजार होगा कि आखिर किसका जादू चला और कौन पिछड़ा।