शौचालय निर्माण की धीमी गति से लक्ष्य साधना मुश्किल
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रानीश्वर : रानीश्वर प्रखंड के सादीपुर पंचायत को वर्ष 2008 में राज्य का सर्वोत्तम निर्मल पंचायत का दर्जा मिला है। इसी वर्ष राष्ट्रपति के द्वारा सादीपुर, गो¨वदपुर एवं सुखजोड़ा पंचायत को निर्मल पंचायत के सम्मान से सम्मानित किया गया है। अलबत्ता निर्मल पंचायत घोषणा करने के एक दशक के बाद भी यहां सादीपुर पंचायत के आमलोग खुले में शौच करने को मजबूर हैं। बीते गुरुवार को बीडीओ ज्ञानेंद्र कुमार, सहायक अभियंता अनंत भंडारी के साथ इन गांवों में चल रहे शौचालय निर्माण कार्यो की प्रगति का जायजा लिए हैं। जांच में पाया गया है कि यहां शौचालय निर्माण कराकर रंगाई-पोताई कर दिया गया है पर अधिकांश शौचालय का गड्ढ़ा ही नहीं खोदा गया है। निर्माण कार्य के प्राक्कलन में छत ढलाई का प्रावधान है। जल सहिया उमा लायक ने यहां छत ढ़लाई के बदले एस्बेसटरस लगा दिया है जबकि उपायुक्त ने इसके लिए मनाही की है। इसके उपरांत बीडीओ श्री कुमार ने पंचायत के मुखिया सुनीराम बास्की एवं जलसहिया उमा को नोटिस निर्गत कर एस्बेसटरस उखाड़ कर ढलाई कराने का सख्त आदेश दिया है। जानकारी के अनुसार सादीपुर में स्लिप बैक शौचालय योजना के तहत 387 लाभुकों के नाम पर शौचालय निर्माण की स्वीकृति दिया गया है। लाभुक रामेश्वर राजवाड़ एवं सुमित्रा राजवाड़ का शौचालय का निर्माण ¨सचाई विभाग के वितरणी का मेढ़ पर बना दिया है। यहां शौचालय की छत ढलाई तो दूर शौचालय का गड्ढ़ा नहीं खोदा है। हुसैनपुर गांव में 28 लाभुकों के नाम पर शौचालय निर्माण के लिए मुखिया सुनीराम ने दो महीना पूर्व लाभुकों को 9000 रुपया की दर से प्रथम अग्रिम राशि भुगतान कर दिया है पर यहां आज तक शौचालय निर्माण का कार्य शुरू नहीं हुआ है। गांव के गौतम मांझी ने बताया कि आज तक उसके नाम पर शौचालय की स्वीकृति नहीं दी गई है। गौतम मुखिया सुनीराम के पास चक्कर काट कर थक चुका है। बड़ाबथान गांव में 74 जयपाहाड़ी गांव में 91 तसरकाटा में 21 एवं हकिकतपुर में 16 शौचालय निर्माण की स्वीकृति दिया गया है। सभी गांव में निर्माण कार्य की प्रगति असंतोषप्रद है। भाजपा नेता परितोष सोरेन जयपहाड़ी गांव का है। परितोष के अनुसार जयपहाड़ी गांव में शौचालय का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका है। । इस परिस्थिति में गांधी जयंती के दिन शौच मुक्त घोषणा करना असंभव जैसा है।