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आर्थिक तंगी व मानसिक अवसाद से बढ़ रहीं आत्महत्या की घटनाएं

जागरण संवाददाता दुमका दुमका में आत्महत्या के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। खास बात यह

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Jan 2021 07:52 PM (IST)Updated: Wed, 13 Jan 2021 07:52 PM (IST)
आर्थिक तंगी व मानसिक अवसाद  
से बढ़ रहीं आत्महत्या की घटनाएं
आर्थिक तंगी व मानसिक अवसाद से बढ़ रहीं आत्महत्या की घटनाएं

जागरण संवाददाता, दुमका : दुमका में आत्महत्या के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। खास बात यह कि आत्महत्या करने वालों में युवाओं की संख्या ज्यादा है। कोविड-19 के संक्रमण की वजह से बदली जीवनशैली से भी ऐसी घटनाओं को बढ़ावा मिल रहा है। कोविड के दौरान पिछले साल मार्च माह में लगे लॉकडाउन की अवधि से लेकर वर्ष 2020 के अंत तक दुमका जिले में आत्महत्या के मामले चौंकाने वाले हैं। तकरीबन 80 लोगों ने आत्महत्या कर अपनी जान गंवा दिए। नए साल की शुरूआत भी ठीक नहीं रही। 2021 की शुरूआत में ही आत्महत्या की घटना दुमका में सबको हतप्रभ कर गई। इन मामलों में पड़ताल के दौरान जो बातें सामने आई हैं उसमें आत्महत्या का एक सबसे बड़ा कारण आर्थिक तंगी और अवसाद को बताया गया है।

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असुरक्षा के बोध से ग्रसित लोगों को हो रही ज्यादा परेशानी

दुमका के एसपी कॉलेज में मनोविज्ञान के प्राध्यापक डॉ. विनोद शर्मा का मानना है कि कोविड-19 की वजह से जीवनशैली व रहन-सहन में कई बदलाव अचानक से हुए हैं। कोविड-19 की वजह से लगाए गए लॉकडाउन के कारण बाजार, व्यवसाय और रोजगार भी पूरी तरह से प्रभावित हुआ है। शिक्षा के क्षेत्र में भी छात्रों को काफी प्रभावित होना पड़ा है। ऐसे में हर क्षेत्र के लोगों के बीच अतिरिक्त दबाव व असुरक्षा का बोध जीवनशैली को प्रभावित कर रही है। इसकी वजह से आर्थिक तंगी और मानसिक दबाव में भी इजाफा हुआ है। खासकर युवा पीढ़ी में अवसाद का ग्राफ तेजी से बढ़ने का संकेत मिल रहा है।

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बॉक्स में लें

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वर्ष 2020 में जनवरी से दिसंबर तक आत्महत्या से हुई मौत

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महीना - सुसाइड

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जनवरी - 00

फरवरी - 02

मार्च - 05

अप्रैल - 06

मई - 17

जून - 10

जुलाई - 09

अगस्त - 09

सितंबर - 07

अक्टूबर - 05

नवंबर - 02

दिसंबर - 04

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सकारात्मक सोच व सही मार्गदर्शन जरूरी

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- एकाकी जीवनशैली के बजाए सबके से मिलकर समय बीताने की जरूरत

- दिनचर्या में योग, व्यायाम और स्वस्थ्य मनोरंजन को शामिल करना जरूरी

- बच्चों पर खास निगरानी, मोबाइल व फोन से ज्यादा सबके साथ समय बिताएं बच्चे

- बच्चों को डांटने-फटकारने के बजाए उन्हें समझा-बुझाकर काम कराने की डालें आदत

- पारिवारिक विवाद से दूर रहने की हो पहल

- आवश्यकताओं पर भी नकेल कसने की जरूरत

- नशापान व अन्य व्यसन से दूर रहने की जरूरत

- सकारात्मक सोच के साथ आग बढ़ने के लिए एक-दूसरे को करें प्रेरित

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वर्जन

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युवा पीढ़ी को अपने ताकत समझने की जरूरत है। भटकाव या भय की स्थिति में आकर जीवन खोने से बेहतर है कि अपने अंदर की सकारात्मक उर्जा के दम ऐसी स्थितियों पर जीत हासिल करें। जरूरी है कि समाज का हरेक व्यक्ति कोविड-19 के बदलाव इस दौर में ऊर्जा से लैस करे और इस विपदा का सामना करे।

डॉ. तुषार ज्योति, युवा चिकित्सक, दुमका

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युवाओं को घबराने के बजाए आए हुए चुनौतियों को सामना करने की जरूरत है। अवसाद और मानसिक तनाव से उबरने के लिए युवा अपने पसंद के क्षेत्रों में आगे बढ़ने की पहल करें। गीत, संगीत और खेलकूद से नजदीकियां बढ़ाएं। किसी भी तरह की समस्या के आने पर तुरंत इसे साझा करें और सही मार्गदर्शन लें।

डॉ. विनोद शर्मा, व्याख्याता, मनोविज्ञान, एसपी कॉलेज, दुमका


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