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शिव के श्रृंगार में भी मिलावट की आती बू

बासुकीनाथ : दो माह पहले ही दुमका जिले के हंसडीहा में एक नामी कंपनी के नाम पर नकली गुलाब जल बेचनेवाला एक किराना दुकानदार अभी जेल में है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 06 Nov 2018 03:57 PM (IST)Updated: Tue, 06 Nov 2018 03:57 PM (IST)
शिव के श्रृंगार में भी मिलावट की आती बू
शिव के श्रृंगार में भी मिलावट की आती बू

बासुकीनाथ : दो माह पहले ही दुमका जिले के हंसडीहा में एक नामी कंपनी के नाम पर नकली गुलाब जल बेचनेवाला एक किराना दुकानदार अभी जेल में है। नकली समान बेचने की शिकायत के बाद कंपनी के अधिकारी की पहल पर पुलिस ने छापेमारी कर उसके दुकान से 220 नग नकली गुलाबजल बरामद होने के बाद प्राथमिकी दर्ज कर यह कार्रवाई की थी। जानकार बताते हैं कि नकली व मिलावट का धंधा करनेवाले शिव के श्रृंगार व प्रसाद को भी अपनी काली कमाई का जरिया बनाए हुए हैं। सूबे की उपराजधानी दुमका से महज 24 किलोमीटर की दूरी पर दुमका-देवघर मुख्य मार्ग में स्थित बासुकीनाथ ज्योतिíलंग है। एक अनुमान के अनुसार इस शिव नगरी में वर्षभर में करीब 50 लाख से अधिक श्रद्धालु देश-विदेश से दर्शन पूजन के लिए पहुंचते हैं। इतनी भारी संख्या में यहां सालभर आनेवाले भक्त अपने घर वापसी के क्रम में यहां से प्रसाद के तौर पर पेड़ा, इलायचीदाना, बताशा, सुहाग की निशानी ¨सदूर, ¨बदी, भोलेनाथ का प्रिया रुद्राक्ष व गुलाबजल जैसी सामग्री घर ले जाना नहीं भूलते हैं। पुख्ता खबर है कि इन तमाम सामग्रियों में मिलावट का धंधा चोखा है।

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डुप्लीकेट पूजन सामग्रियों की भरमार

बासुकीनाथ में भोलेनाथ पर अíपत होनेवाली पूजन सामग्री व सुहाग की निशानी ¨सदूर समेत अन्य श्रृंगार की सामग्रियां नकली व मिलावटी बिक रही हैं। बासुकीनाथ में ¨सदूर, ¨बदी के अलावा इत्र, सुगंधित तेल, गुलाबजल, अबीर, गुलाल, घी, रोली, चंदन, अष्टगंधा, धूप, अगरबत्ती, शंख, शंखा चूड़ी, पोला, लहठी जैसी पूजन सामग्रियों का व्यापार करोड़ों में फैला है जिसमें मिलावट का कारोबार भी शामिल है। नामी कंपनियों से मिलता हुआ नाम व नकली रैपर के सहारे धंधेबाज आसानी से अपना कारोबार चला रहे हैं।

एक मुखी से लेकर 11 मुखी तक नकली रुद्राक्ष भी बाजार में

बासुकीनाथ में बाहर से आनेवाले व्यापारी प्लास्टर ऑफ पेरिस एवं अन्य केमिकल्स से तैयार एक मुखी से लेकर 11 मुखी रुद्राक्ष, कस्तूरी, गौरीशंकर रुद्राक्ष, शिव¨लगी रुद्राक्ष, डंटलयुक्त रूद्राक्ष, नवरत्न, मूंगा, मोती, पन्ना जैसे ग्रह रत्न व पत्थर को भी डुप्लीकेसी कर महंगा दाम पर बेचते हैं। इसके अलावा नकली दक्षिणावर्ती शंख, नकली चंदन की लकड़ी, भस्म, रोली जैसे धाíमक उपयोग की सामग्री भी धड़ल्ले से बिक्री होती है।

वर्जन

शिव के पूजन व श्रृंगार में मिलावटी व नकली अबीर, गुलाल, रोली, नकली गुलाब जल, मधु, घी, इत्र, नकली तेल का धड़ल्ले से उपयोग किया जा रहा है। इन सामग्रियों की बिक्री पर अविलंब रोक लगाने की दरकार है।

पंडित जीतेंद्र झा, पुरोहित बासुकीनाथ मंदिर फोटो : 07

मिलावट के धंधेबाज प्रभु के दरबार को भी अपने काली कमाई का जरिया बना लिए हैं। प्रशासन को ऐसे धंधेबाजों के खिलाफ अभियान चलाकर नकली व मिलावट का कारोबार बंद कराना चाहिए। नकली व मिलावटी समान की वजह से ग्राहक आíथक, शारीरिक व मानसिक स्तर पर प्रताड़ित होते हैं।

राजेश झा, युवा पुरोहित, बासुकीनाथ

फोटो : 08


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