अवैध कोयला खनन का क्षेत्र बना शिकारीपाड़ा
शिकारीपाड़ा : शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र अंतर्गत संचालित अवैध कोयला खदानों में आए दिन हो रही दुर्घटनाओं से आसपास के ग्रामीणों में भय का माहौल है। प्रखंड के लुटियापहाड़ इलाके में संचालित अवैध कोयला खदान में बीते दिन हुए एक मजदूर की मृत्यु के बाद वन विभाग ने महज क्षेत्र की मापी करा कर अपना पल्ला झाड़ लिया है।
शिकारीपाड़ा : शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र अंतर्गत संचालित अवैध कोयला खदानों में आए दिन हो रही दुर्घटनाओं से आसपास के ग्रामीणों में भय का माहौल है। प्रखंड के लुटियापहाड़ इलाके में संचालित अवैध कोयला खदान में बीते दिन हुए एक मजदूर की मृत्यु के बाद वन विभाग ने महज क्षेत्र की मापी करा कर अपना पल्ला झाड़ लिया है। बादलपाड़ा लुटिया पहाड़ में जो भी कोयला खदानें चल रही हैं वह रैयती एवं सरकारी भूमि में है। इसके बाद भी अंचल एवं जिला खनन पदाधिकारी द्वारा लुटियापहाड़ बादलपाड़ा हरिण¨सघा पंचवाहिनी एवं गंद्रकपुर में चल रही कोयला की अवैध खदानों को बंद कराने के लिए आज तक कोई ठोस पहल नहीं की गई है। महज एक बार डोज¨रग कर आईवास करने का प्रयास करने के बाद प्रशासन मौन हो गई। इधर अंचल एवं थाना से महज पांच किलोमीटर की दूरी पर दुमका-रामपुरहाट मुख्य पथ से सटे नवपहाड़ में पांच कोयला की नई अवैध खदानें खुल गई हैं और यहां से कोयला पश्चिम बंगाल भेजा जा रहा है। खबर तो यह भी है कि उत्तर-प्रदेश विद्युत निगम लिमिटेड को जमरूपानी शहरपुर बेस में कोल ब्लॉक के लिए भूमि नहीं देने के लिए रैयतों को भड़काने में पत्थर खदान मालिकों के साथ कोयला माफियाओं की भी अहम भूमिका है। अवैध कोयला खनन के संबंध में अंचल अधिकारी अमृता कुमारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं। जबकि पुलिस निरीक्षक सह थाना प्रभारी बीके सिन्हा कहते हैं कि छापेमारी कर अवैध खदान संचालकों के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी।