क्वांरटाइन सेंटर में तब्दील है कामाकाजी महिलाओं का छात्रावास
दुमका के हिजला रोड में कामकाजी महिलाओं के लिए बनाया गया छात्रावास का उपयोग कोविड-19 काल में क्वारंटाइन सेंटर के रूप में किया जा रहा है। हालांकि वर्तमान में यह कोविड-19 संक्रमित एक भी मरीज नहीं है और इस भवन में ताला लटका है।
जागरण संवाददाता, दुमका: दुमका के हिजला रोड में कामकाजी महिलाओं के लिए बनाया गया छात्रावास का उपयोग कोविड-19 काल में क्वारंटाइन सेंटर के रूप में किया जा रहा है। हालांकि वर्तमान में यह कोविड-19 संक्रमित एक भी मरीज नहीं है और इस भवन में ताला लटका है। कोविड-19 के दौरान जिला प्रशासन के स्तर से इस भवन को सुरक्षा के लिहाज से क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया था लेकिन जब जिले में कोविड-19 का संक्रमण जिले में कंट्रोल है तो यह भवन खाली व सन्नाटा पड़ा है।
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कामकाजी महिलाओं को रहने के लिए बनाया गया है छात्रावास: समाज कल्याण के मद से 50 शय्या वाले इस छात्रावास का निर्माण भवन प्रमंडल दुमका ने कराया है। इस भवन का शिलान्यास तत्कालीन समाज कल्याण मंत्री डॉ. लुइस मरांडी ने छह नवंबर 2018 को किया था और उद्घाटन भी उनके ही हाथों दो अक्टूबर 2020 को किया गया है। छात्रावास बनाने का उद्देश्य यह कि शहर में वैसे कामकाजी महिलाएं जो दूरदराज ग्रामीण इलाकों से काम करने आती हैं और शहर में उन्हें ठहरने के लिए कोई महफूज ठौर नहीं होता है। ऐसी महिलाएं इस छात्रावास में रह सकती हैं।
बहरहाल, उद्घाटन के बाद कोविड-19 की संक्रमण की वजह से इस भवन की उपयोगिता इन कामकाजी महिलाओं के लिए तय नहीं हो पाई है। संभव है भविष्य में जब कोविड-19 का संक्रमण पूरी तरह से काबू में हो जाए तो इस भवन की उपयोगिता तय हो। बहरहाल, भवन में ताला लटका है और इसे देखरेख की दरकार है।
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वर्जन
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जिला प्रशासन के स्तर से छात्रावास को क्वारंटाइन सेंटर के रूप में चिह्नित किया गया है। जिला प्रशासन के स्तर से ही इस मामले में अग्रतर निर्णय लिया जाएगा। कोविड-19 का संक्रमण अभी कुछ थमा जरूर है लेकिन खत्म नहीं हुआ है। इस लिहाज से क्वारंटाइन सेंटर की जरूरत भी खत्म नहीं हुई है।
अनिता कुजूर, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, दुमका