यहां तो बस सबका एक रंग केसरिया
बासुकीनाथ : विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला में विश्व बंधुत्व की भावना साफ झलकती है। एक और जहां मेले
बासुकीनाथ : विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला में विश्व बंधुत्व की भावना साफ झलकती है। एक और जहां मेले में न कोई अफसर ना कोई चपरासी वहीं दूसरी ओर न कोई अगड़ा ना कोई पिछड़ा दिखता है। सभी की
वेशभूषा एक समान। यहां के मेले में हर कोई एक दूसरे को बम कहकर संबोधित करते हैं। यहां सभी है बोल बम, केशरिया रंग में रंगे सभी की एक वेशभूषा एक पहनावा। पूरा मेला गेरूवामय नजर आता है। वहीं इसी भांति श्रावणी मेला में बासुकीनाथ में न सिर्फ विभिन्न राज्यों के भक्त ही आते हैं बल्कि व्यापार करने के लिए व्यापारी भी जुटते हैं। जिन्हें यहां के लोग व्यवसाय करने के लिए न सिर्फ जगह देते हैं बल्कि अपने साथ शामिल भी कर लेते हैं। साथ ही यहां के ग्रामीण अतिथियों को दिल में भी जगह देते हैं। फौजदारी दरबार में लगनेवाले श्रावणी मेला में एक ओर जहां देश-विदेश से लाखों लोग दर्शन पूजन को आते हैं, वहीं दूसरी ओर इस मेले में बिहार, बंगाल, झारखंड व यूपी के अलावा महाराष्ट्र से आए दर्जनों महाराष्ट्रीयन परिवार को भी रोजगार मिलता है। भोलेनाथ अपने यहां आनेवाले भक्तों के जहां सभी दुख दूर कर लेते हैं, वहीं दूसरी ओर वे अपने दरबार में आए हजारों शरणागत लोगों को प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी उपलब्ध कराते हैं। यहां यूपी के गोरखपुर, देवरिया समेत अन्य जगहों के अलावा महाराष्ट्र को काकोसार, नासिक के नंदगांव के सैकड़ो परिवार रुद्राक्ष, मोती माला स्टोन, कस्तूरी, नवग्रह, नवरत्न, पत्थर, ग्रहरत्न, सेंट, इत्र बेचकर लाभान्वित हो रहे हैं। ये महाराष्ट्र परिवार पिछले कई वर्षो से प्रत्येक वर्ष यहां आकर श्रावण माह से लेकर दशहरा तक रोजगार करते हैं। वे यहां लगनेवाले तीन माह के मेले में वर्ष भर की कमाई करके जाते हैं। स्थानीय लोग भी बाहर से आनेवाले व्यापारियों का खुले दिल से स्वागत करते हैं।