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परमात्मा का साथ मिलने से हर बंधन से मुक्ति

नोनीहाट नोनीहाट में चल रही भागवत कथा के चौथे दिन नंद घर आनंद भयो जै कन्हैया लाल गीत व आकर्षक झांकी के साथ भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया गया। दर्शकों से खचाखच भरे कथा पंडाल से जय श्री कृष्ण के गगन भेदी गूंज से माहौल भक्ति भावना गूंज रहा था।

By JagranEdited By: Published: Thu, 30 May 2019 05:48 PM (IST)Updated: Fri, 31 May 2019 06:31 AM (IST)
परमात्मा का साथ मिलने से हर बंधन से मुक्ति
परमात्मा का साथ मिलने से हर बंधन से मुक्ति

नोनीहाट : नोनीहाट में चल रही भागवत कथा के चौथे दिन नंद घर आनंद भयो, जै कन्हैया लाल गीत व आकर्षक झांकी के साथ भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया गया। दर्शकों से खचाखच भरे कथा पंडाल से जय श्री कृष्ण के गगन भेदी गूंज से माहौल भक्ति भावना गूंज रहा था। माहौल के आनंद में शामिल होकर दर्शक अपना अहोभाग्य मान रहे थे।

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पंडित बाल प्रभु महाराज ने संगीतमय कथा वाचन करते हुए बताया कि परमात्मा का साथ मिलने से सारे बंधन से मुक्ति मिल जाती है। सुख प्राप्ति इस माया रूपी संसार से हासिल हो सकता है पर आनंद प्राप्ति परमात्मा से जुड़ने पर ही होती है। एकमात्र परमात्मा ही आनंद स्वरुप हैं। कथा वाचन करते हुए महाराज ने सूर्यवंश और कृष्णवंश की कथा विस्तार से वर्णन किया। उन्होंने पांच वर्ण वर्ग की व्याख्या करते हुए बताया कि प वर्ण वर्ग के प से परमात्मा को प्राप्त करनेवाला का पतन नहीं होता है, दूसरा वर्ण फ से वो फल की इच्छा नहीं करता, इसके बाद ब से वो बंधन मुक्त हो जाता है एवं भ से भय मुक्त हो जाता है, अंतिम म से मृत्यु क्रम से मुक्त हो जाता है। कथा क्रम में कहा कि जब भगवान शंख, चक्र व गदा के साथ नारायण रुप में अवतार लिया। भगवान को इस रुप में देखकर माता देवकी पिता वासुदेव ने भगवान से विनती करते हुए कहा कि आप का यह रुप पिता स्वरुप है। पुत्र स्वरुप में दर्शन दें। इस पर भगवान ने कहा कि कंस से रक्षा के लिए यह स्वरुप धारण किया है। जब हमारी रक्षा आप करेंगी तब हमारा बाल स्वरुप ही दर्शन होगा। कथा प्रसंग के माध्यम से बताया कि संसार दुखालय है, सुख के लिए संसार में भटक रहे हैं लेकिन आनंद प्राप्ति भगवान के चरणों में ही है।


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