दिल्ली के अस्पताल में मिला दुमका का लावारिश बेटा
दुमका : जरमुंडी की रहनेवाली दो बच्चों की मां एक बेटे को दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में लावारिश हालत में छोड़कर फरार हो गई। दिल्ली की एक पदाधिकारी की सूचना पर शनिवार को बाल कल्याण और बाल संरक्षण की टीम जरमुंडी में रहनेवाले पिता से मिली और उसे बेटे को स्वीकार करने को कहा। परन्तु पिता ने उसे अपनी संतान मानने से मना कर दिया और बेटे को स्वीकार नहीं किया।
दुमका : जरमुंडी की रहनेवाली दो बच्चों की मां एक बेटे को दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में लावारिश हालत में छोड़कर फरार हो गई। दिल्ली की एक पदाधिकारी की सूचना पर शनिवार को बाल कल्याण और बाल संरक्षण की टीम जरमुंडी में रहनेवाले पिता से मिली और उसे बेटे को स्वीकार करने को कहा। परन्तु पिता ने उसे अपनी संतान मानने से मना कर दिया और बेटे को स्वीकार नहीं किया।
जरमुंडी का रहनेवाले एक युवक दो साल पहले पत्नी और दो बच्चों को साथ लेकर दिल्ली रोजगार के लिए चला गया। वह एक भवन निर्माण में काम करने लगा। इस बीच महिला ने एक बेटे को जन्म दिया। एक दिन महिला अपने दो बेटे और पति को छोड़कर कही चली गई। काफी खोजबीन के बाद बच्चों का पता नहीं चला तो पिता गांव लौट आया। इस बीच महिला ने अपनी तीसरी संतान को अस्पताल में भर्ती किया। अस्पताल के रजिस्टर में उसने घर का पता जरमुंडी लिखाया। कुछ दिन रहने के बाद जब बच्चे के माता-पिता उससे मिलने नहीं आए तो जांच की गई। एसआरसी दिल्ली की एक नोडल पदाधिकारी ने जिला समाज कल्याण पदाधिकारी श्वेता भारती को सारी स्थिति से अवगत कराया। श्वेता के निर्देश पर बाल कल्याण और संरक्षण समिति के पदाधिकारी शनिवार को पिता से मिलने के लिए गए। पिता ने बताया कि उसकी दो ही संतान थी, तीसरी से उसका कोई लेना देना नहीं है। इसलिए उस बच्चे को वह स्वीकार नहीं करेगा। बताया कि पत्नी अभी तक घर नहीं लौटी हैं। पिता के इंकार पर बालक को अभी विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में रखा गया है। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष मनोज कुमार साह का कहना है कि बालक की मां की खोज की जाएगी। सात दिन के अंदर अगर मां समिति के सामने पेश नहीं हुई तो बालक को लीगली फ्री कर दत्तक ग्रहण में दे दिया जाएगा। पिता से मिलनेवालों में सदस्य रंजन सिन्हा, रमेश प्रसाद साह व प्रकाश चंद्र आदि मुख्य थे।