गरडी गांव में मोड़ैमांझी की बैठक में प्रथम पक्ष को मिला न्याय
रामगढ़ रामगढ़ प्रखंड के लतबेरवा पंचायत अंतर्गत गरडी गांव में जमीन विवाद को सुलझाने के लिए गुरुवार को हुल झारखंड क्रांति दल के तत्वाधान में गरडी के ग्राम प्रधान मैसू मुर्मू की अध्यक्षता में मोड़ैमांझी की बैठक का आयोजन किया गया। मोड़ैमांझी की बैठक में 200 से अधिक ग्रामप्रधान समेत आसपास गांव के सैकड़ों ग्रामीणों ने भाग लिया।
रामगढ़ : रामगढ़ प्रखंड के लतबेरवा पंचायत अंतर्गत गरडी गांव में जमीन विवाद को सुलझाने के लिए गुरुवार को हुल झारखंड क्रांति दल के तत्वाधान में गरडी के ग्राम प्रधान मैसू मुर्मू की अध्यक्षता में मोड़ैमांझी की बैठक का आयोजन किया गया। मोड़ैमांझी की बैठक में 200 से अधिक ग्रामप्रधान समेत आसपास गांव के सैकड़ों ग्रामीणों ने भाग लिया। मोड़ैमांझी की बैठक में अधिकांश लोग परंपरागत हथियार लेकर पहुंचे थे। वहीं बैठक में दुमका जिले के कई प्रखंड शिकारीपाड़ा, सरैयाहाट, जरमुंडी समेत जामताड़ा, मधुपुर, साहिबगंज समेत अन्य जिला के लोगों ने भी भाग लिया। प्रथम पक्ष चुमकी मुर्मू, सुखलाल हांसदा, दिवान हांसदा, जियालाल मरांडी, सुरजू हांसदा द्वारा बुलाया गया मोड़ैमांझी की बैठक में द्वितीय पक्ष दशम टुडू, सीताराम टुडू, सुनीराम टुडू, सोमलाल टुडू ने भाग नहीं लिया। मोड़ैमांझी की बैठक प्रारंभ होने के काफी देर तक द्वितीय पक्ष का इंतजार किया गया लेकिन द्वितीय पक्ष का कोई भी सदस्य नहीं आया। मोड़ैमांझी की बैठक में प्रथम पक्ष के सभी कागजातों का अवलोकन करने के बाद यह फैसला लिया गया कि प्रथम पक्ष के लोगों को उनका हक दिलवाया जाएगा। द्वितीय पक्ष के लोग जबरन प्रथम पक्ष को परेशान कर रहे हैं। इसके बाद मोड़ैमांझी की बैठक में शामिल लोगों ने पुलिस बल की उपस्थिति में प्रथम पक्ष चुमकी मुर्मू एवं उनके परिजनों को उनके घर में प्रवेश दिलवाया। साथ ही यह भी फैसला सुनाया कि चुमकी मुर्मू एवं उनके परिजन अपनी सभी जमीन पर पूर्व की भांति जोत अबाद करें। वहीं बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि यदि दुबारा द्वितीय पक्ष के लोग प्रथम पक्ष के लोगों को परेशान करते हैं तो हंसडीहा थाना पुलिस द्वारा इस पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी। प्रथम पक्ष द्वारा मोड़ैमांझी की बैठक की सूचना सभी आलाधिकारियों को दी थी। जिसके कारण हंसडीहा थाना पुलिस बैठक पर पूरी तरह नजर बनाए हुए थी। हंसडीहा थाना पुलिस मोड़ैमांझी की बैठक से कुछ दूर सिजुवा गांव के पास पूरी तरह से मुस्दैत थी।
44 बीघा 13 कट्ठा 14 धूर जमीन से किया गया हैं बेदखल
लतबेरवा पंचायत के गरडी गांव के जामाबंदी नंबर 14 में 23 बीघा 13 कट्टा 14 धूर एवं जामाबंदी नंबर 17 में 21 बीघा जमीन मौजूद है। गेंजर सर्वे के खतियान में यह दासो टुडू, वासो टुडू, गुगय टुडू एवं रागदा टुडू के नाम से दर्ज हैं। दासो टुडू के वंशज चुमकी मुर्मू, मूचरू सोरेन एवं भोला हांसदा है। वासो टुडू के वंशज सुकलाल हांसदा, देवान हांसदा तथा गुगय टुडू के पुत्री बिटिया उर्फ रायमत टुडू एवं चुनकी टुडू है। वर्तमान में ये सभी जीवित है। ये सभी लोग वर्षो से अपने हिस्से के जमीन पर जोत-आबाद करते आ रहे हैं। विगत दो वर्षो से गरडी गांव के दशम टुडू, सीताराम टुडू, सुनीराम टुडू एवं सोमलाल टुडू समेत अन्य ने दबंगई दिखाते हुए इन लोगों को जमीन से बेदखल कर दिया। द्वितीय पक्ष के लोग गांव के दबंग व्यक्ति हैं। जिसके कारण प्रथम पक्ष के लोगों को मारपीट कर उन्हें घर से भी भगा दिया गया। इसके बाद प्रथम पक्ष के लोगों को गांव के ग्राम प्रधान ने थोड़ी जमीन दिया। जिसके बाद प्रथम पक्ष के लोग किसी प्रकार उस जमीन पर झोपड़ी बनाकर अभी तक रह रहे हैं। इस मामले को सुलझाने के लिए कई बार पंचायती की गई। सभी पंचायती में प्रथम पक्ष के लोगों को जमीन दिलाने का फैसला दिया गया लेकिन द्वितीय पक्ष के लोग फैसला मानने को तैयार नहीं हुए। इसके बाद चुमकी मुर्मू द्वारा इसकी शिकायत मुख्यमंत्री जनसंवाद में भी की गई। रामगढ़ के अंचलाधिकारी रामा रविदास ने भी अंचल निरीक्षक एवं राजस्व कर्मचारी से जांच कराकर अपने जांच रिपोर्ट में कहा कि उक्त जमीन चुमकी मुर्मू का है। द्वितीय पक्ष के लोग दो साल से उसे बेवजह पेरशान कर रहे हैं। इसके बाद भी द्वितीय पक्ष के लोग मानने को तैयार नहीं हो रहे थे। इसके बाद भी प्रथम पक्ष ने तंग आकर 25 जुलाई को मोड़ैमांझी का सहारा लिया।