रसायानिक खाद से बर्बाद हो रही खेत की मिट्टी
दुमका कृषि और किसान की हालत को लेकर शुक्रवार को एग्रो टेक्नोलोजी पार्क में स्वयंसेवी संस्था और इफटप की ओर से कार्यशाला का आयोजन किया गया। कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों ने कहा कि सब को समझना पड़ेगा कि हरित क्रांति खेती के नाम पर रासायनिक खाद और कीटनाशकों के प्रयोग में किसी कार्य पर एक विपरीत असर पड़ रहा है।
दुमका : कृषि और किसान की हालत को लेकर शुक्रवार को एग्रो टेक्नोलोजी पार्क में स्वयंसेवी संस्था और इफटप की ओर से कार्यशाला का आयोजन किया गया। कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों ने कहा कि सब को समझना पड़ेगा कि हरित क्रांति खेती के नाम पर रासायनिक खाद और कीटनाशकों के प्रयोग में किसी कार्य पर एक विपरीत असर पड़ रहा है। कृषि क्रांति आज व्यापार हो गई है। ज्यादा फसल उगाने के लालच में किसानों द्वारा खेती में काफी मात्रा में रासायनिक खाद एवं कीटनाशकों का प्रयोग करके मिट्टी को भी बर्बाद कर रहे हैं। जिसके कारण पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है। जलवायु का भी परिवर्तन हो रहा है। प्रदूषण की मात्रा अप्रत्याशित रूप से बढ़ती जा रही है और उत्पादन भी घटते जा रहा है। कहा कि कैंसर, टीवी व अल्सर आदि खतरनाक बीमारियां मनुष्य व पशुओं को अपने जाल में जकड़ रही है। किसान देसी बीजों को छोड़कर हाइब्रिड वेरायटी बीजों को अपनाते हैं। किसान अपनी कृषि पर निर्भर ना होकर पराधीन होते जा रहे हैं। हाइब्रिड बीजों और रासायनिक खादों का उपयोग करने के बावजूद ज्यादा पानी की जरूरत पड़ती है। संस्था के पदाधिकारियों ने कहा कि रानीश्वर प्रखंड के करीब 110 गांव में जागृति शिविर पंचायत के साथ जागरण सभा तथा जिलास्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। किसान भी सभी के सहयोग से कमाई कर सकेंगे। कार्यशाला को वैज्ञानिक डॉ. सीएन मिश्र, कानू मुर्मू, निखिल माती, डॉ. पीबी साहा, डॉ. एके साहा, डॉक्टर सुनील कुमार, डॉ. राजेंद्र पांडेय, डॉ. सुमन मंडल आदि ने संबोधित किया।