हाथियों ने मचाया तांडव, एक दर्जन से अधिक घर क्षतिग्रस्त
पत्ताबाड़ी : दुमका जिले के ग्रामीण इलाकों में हाथियों का तांडव जारी है। शनिवार की देर रात हाथियों ने शिकारीपाड़ा के बरसमिया गांव में दस्तक दी लेकिन ग्रामीणों की सजगता व मशाल के भय से हाथी यहां निकलकर बुचायाम होते हुए शहरजोरी गांव पहुंच गए और यहां जमकर उत्पात मचाया।
पत्ताबाड़ी : दुमका जिले के ग्रामीण इलाकों में हाथियों का तांडव जारी है। शनिवार की देर रात हाथियों ने शिकारीपाड़ा के बरसमिया गांव में दस्तक दी लेकिन ग्रामीणों की सजगता व मशाल के भय से हाथी यहां निकलकर बुचायाम होते हुए शहरजोरी गांव पहुंच गए और यहां जमकर उत्पात मचाया। आधा दर्जन घरों को पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया और हजारों की संपत्ति को अपने पैरों तले रौंदकर चलते बने। पीड़ित ग्रामीणों के मुताबिक हाथियों का झुंड देर रात तकरीबन 11 बजे शहरजोरी गांव पहुंचा था। हाथियों ने यहां पुलिस सोरेन एवं अर्जुन हांसदा के घर को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया जबकि गांव के गो¨वद सोरेन, काíतक सोरेन, बाबूलाल हेंब्रम एवं चुंडा हांसदा के घरों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। इस दौरान हाथी घर रखा खाद्य सामग्री व धान भी चट कर गए। बर्तन व अन्य सामग्रियों को पैरों तले कुचलकर इन्हें नष्ट कर दिया। एक ही रात में हाथियों के झुंड ने प्रखंड के तीन गांव शहरजोरी, दुर्गापुर व लांगोपहाड़ी में 14 घरों को क्षतिग्रस्त किया है। हाथियों के दहशत से ग्रामीण खौफजदा हैं। अलावा जलाकर रतजगा कर रहे हैं। वन विभाग द्वारा किसी प्रकार व्यवस्था नहीं किए जानेवाले ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश है। हाथियों का झुंड अभी लांगोपहाड़ी के पहाड़ी पर डेरा जमाए हुए है। इधर शनिवार की देर रात हाथियों के तांडव के बाद वन विभाग की टीम रविवार के सुबह 10 बजे तक प्रभावित क्षेत्र में नहीं पहुंची थी जिससे पीड़ित परिवार व ग्रामीणों में उबाल है। वहीं शिकारीपाड़ा प्रखंड के लांगोपहाड़ी स्थित बुरुटोला के पहाड़ी पर रविवार को जंगली हाथी डेरा जमाए हुए हैं। हाथियों को देखने व भगाने के लिए पहाड़ी के समीप हजार की संख्या में ग्रामीण कई-कई गुटों में बंटे हुए हैं।
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शहरजोरी के बाद हाथियों का झुंड पहुंचा दुर्गापुर
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शहरजोरी में तांडव के बाद हाथियों का झुंड दुर्गापुर गांव पहुंचा और यहां राजन मुर्मू के घर का एक हिस्सा तोड़ दिया। साथ ही घर में रखा 10 बोरा धान को तितर-बितर कर दिया। इसके बाद हाथियों ने मिशिल मुर्मू के घर को निशाना बनाया और उसकार भी एक हिस्सा तोड़ दिया। हो-हाल्ला सुनकर घर में सोए परिवार के सदस्य बाहर निकल भागे अन्यथा इनके साथ भी कोई अनहोनी हो सकती थी। हाथियों ने सेकेन बास्की को भी नहीं बख्शा और उसके घर की चारदीवारी को तोड़ कर घर में रखे सामग्रियों को नष्ट कर दिया।
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दुर्गापुर के बाद हाथियों का दल पहुंचा लांगोपहाड़ी
रात के तकरीबन ढ़ाई बजे हाथियों का झुंड शिकारीपाड़ा के लांगोपहाड़ी गांव में पहुंच का वहां भी तबाही मचाई। ग्रामीणों के द्वारा दुर्गापुर गांव से खदेड़ने के बाद जंगली हाथियों का झुंड लांगोपहाड़ी गांव पहुंचकर गांव के तिरील टोला में जमकर उत्पात मचाया। गांव में पांच घरों को क्षति पहुंचाया। गांव के मती हांसदा, लिधा मरांडी, रामविलास मरांडी, मंडल हेंब्रम, लखन मरांडी के घरों को क्षतिग्रस्त कर दिया। लखन मरांडी ने कहा कि उसके घर का एक हिस्सा हाथी ने गिरा दिया जिसके चलते धान, चुड़ा व चार बतख मिट्टी में दब गए।
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पत्ताबाड़ी : पहले से सुखाड़ की मार झेल रहे शहरजोरी के ग्रामीणों को अब हाथियों के आतंक का सामना करना पड़ रहा है। इतना ही नहीं यहां के ग्रामीणों कि शिकायत यह भी है कि उन्हें किसी तरह की सरकारी मदद नहीं मिल रहा है। गांव के ग्रामीण हाथियों की दहशत में रोज जी-जी कर मर रहे हैं। शहरजोरी गांव मे शनिवार की रात के 11 बजे 18 हाथियों का झुंड प्रवेश कर पुलिस सोरेन व अर्जुन हांसदा के घर को पूरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया। इसके अलावा घर में रखे धान, चावल को चट कर गए। डेकची समेत अन्य समानों नष्ट कर दिया। अब इन दोनों परिवार के सदस्य खुले आसामन में बेआसरा हो गए हैं। पुलिस सोरेन ने बताया कि परिवार में उसके अलावा उसकी मां हैं। कड़ाके की ठंड में कहां जाएं अब समझ में नहीं आ रहा है। घर में रखा धान भी हाथी चट कर गए। किसी तरह भागकर मां और खुद की जान बचाई है। उन्होंने कहा कि घर में करीब 10 ¨क्वटल धान था जिसे हाथियों ने नष्ट कर दिया। वहीं अर्जुन हांसदा अपने क्षतिग्रस्त घर को दिखाते हुए कहा कि हाथियों ने सारी मेहनत पर पानी फेर दिया। आश्रय भी छीन लिया है। अब क्या करें और कैसे जीएं समझ से परे है।