हाथी ने किया एक और पहाड़िया युवक पर हमला
दुमका झुंड से अलग हुए हाथी का उत्पात थमने का नाम नहीं ले रहा है। दो लोगों की जान लेने के बाद भी उसका हमला जारी है। रविवार की सुबह हाथी ने काठीकुंड और गोपीकांदर सीमा पर ऊपर पूजाडीह गांव के गुदुलाल देहरी पर हमला कर बुरी तरह घायल कर दिया। व्यक्ति का काठीकुंड सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज चल रहा है।
दुमका : झुंड से अलग हुए हाथी का उत्पात थमने का नाम नहीं ले रहा है। दो लोगों की जान लेने के बाद भी उसका हमला जारी है। रविवार की सुबह हाथी ने काठीकुंड और गोपीकांदर सीमा पर ऊपर पूजाडीह गांव के गुदुलाल देहरी पर हमला कर बुरी तरह घायल कर दिया। व्यक्ति का काठीकुंड सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज चल रहा है।
बताया जाता है कि शनिवार को काठीकुंड में बेटका सोरेन की जान लेने के बाद ग्रामीणों ने रात को मशाल व पटाखे जलाकर हाथी को क्षेत्र से भगा दिया। हाथी गांव से भागकर ऊपर पूजाडीह गांव के जंगल की ओर चली गई। सुबह में फिर हाथी गांव के अंदर आ गई। गांव की महिलाएं डर के कारण घरों में घुस गई और ग्रामीणों ने उसे खदेड़ना शुरू किया। आगे-आगे हाथी चल रही थी और पीछे-पीछे ग्रामीण शोर मचाकर खदेड़ रहे थे। इस बीच ग्रामीण और हाथी के बीच फासला काफी हो गया। अचानक हाथी पलटा और भीड़ की ओर दौड़ने लगा। भागने के क्रम में अधेड़ दुगुलाल देहरी गिर गया। जब तक वह संभल कर भागने का प्रयास करता, तब तक हाथी उसके करीब आ गया। हाथी ने उसे सूड़ से उठाया और उछाल दिया। ग्रामीणों का शोर बढ़ने पर हाथी हमला करने की बजाए जंगल की ओर भाग गया। सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम गांव पहुंची और घायल को खटिया पर एंबुलेंस तक लाई। बाद में उसे स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। यहां बता दें कि शुक्रवार को हाथी ने रानीश्वर में रोबिन टुडू और शनिवार को काठीकुंड में बेटका सोरेन को मार डाला था। वहीं काठीकुंड का रहनेवाला किसान नियाज अंसारी हमले के बाद भी बच गया। उसका अभी भी काठीकुंड के रिची अस्पताल में इलाज चल रहा है। वन विभाग और ग्रामीणों की टीम हाथी की हर गतिविधि पर नजर रखे हुए है। रात को उसे यहां से भी खदेड़ने का प्रयास किया जाएगा।
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