सामूहिक प्रयास से कुपोषण मुक्त होगा दुमका
लस दो राजकीय कन्या उच्च विद्यालय में आयोजित राष्ट्रीय पोषण माह का उभ्घाटन मुख्यअतिथि समाज कल्याण मंत्री डॉ. लुईस मरांडी एवं विशिष्ट अतिथि उपायुक्त राजेश्वरी बी ने दीप जलाकर किया।
जागरण संवाददाता, दुमका: प्लस दो राजकीय कन्या उच्च विद्यालय में आयोजित राष्ट्रीय पोषण माह का उभ्घाटन मुख्यअतिथि समाज कल्याण मंत्री डॉ. लुईस मरांडी एवं विशिष्ट अतिथि उपायुक्त राजेश्वरी बी ने दीप जलाकर किया। समाज कल्याण मंत्री ने कहा कि यह सरकार की बहुत अच्छी पहल है। सभी के सहयोग से हम पूर्णरूप से कुपोषण मुक्त दुमका बना सकते हैं। तेजस्विनी ग्रुप के माध्यमों से किशोरियों को पोषण के प्रति जागरूक किया जाए, क्योंकि आगे जाकर वही मां बनती हैं। उनका स्वस्थ रहना आवश्यक है। पोषण माह केवल सितंबर में ही नहीं, बल्कि पूरे वर्ष मनाया जाए। लोग जानकारी के अभाव से कुपोषण के शिकार होते हैं। महिला ही महिला की समस्या समझ सकती हैं। जो भी समस्या हो मुझे, डीसी या डीएसडब्लू के पास जा सकती हैं।
उपायुक्त ने कहा कि दुमका जिला में पोषण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए कई विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। दुमका जिला पोषण के क्षेत्र में पांच वर्ष पूर्व के मुकाबले इस वर्ष बेहतर प्रदर्शन किया है, लेकिन इसे जड़ से हटाने की जरूरत हैं। जब तक मां कुपोषण के प्रति जागरूक नहीं होंगी तब तक बच्चे कुपोषण से लड़ते रहेंगे। किशोरियों को कुपोषण से बचाने के लिए सरकार की कई योजनाएं हैं। सभी विद्यालयों में पौष्टिक आहार दिया जा रहा है। जो किशोरियों को कुपोषण के प्रभाव से बचाने बहुत महत्वपूर्ण रहा है। इसके बावजूद लोग शिक्षा के अभाव में कुपोषण का शिकार होते है। उन्हें ही जागरूक करने के लिए पोषण माह अभियान पूरे झारखंड में चलाया जा रहा है।
अपर समाहर्ता सुनील कुमार ने पोषण शपथ दिलाया। मौके पर समाज कल्याण पदाधिकारी श्वेता भारती के अलावा सीडीपीओ भी मौजूद थी।विद्यालय की छात्राओं द्वारा स्वागत गीत गाया गया। कुपोषण को दूर करने के इस अभियान को एक से 30 सितंबर तक जिला के सभी क्षेत्र में चलाया जाएगा। मंत्री ने मुख्यमंत्री सुकन्या योजना एवं मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत लाभुकों के बीच परिसंपत्ति का वितरण किया। इससे पहले मंत्री एवं उपायुक्त ने छह महीने से अधिक के बच्चों को पहला अन्नप्राशन कराया। गर्भवती महिलाओं को गोद भराई अंतर्गत फल की टोकरी दी गयी।
जरमुंडी प्रखंड की सेविकाओं ने पोषण गीत प्रस्तुत किया। उसी गीत पर छात्राओं ने विभिन्न पोषाहार का वेषभूषा धारण कर नृत्य किया। पोषण कुपोषण पर कैसे भारी पड़ सकता है ये महिलाओं ने नाटक के जरिये दिखाया। इस अवसर पर मंत्री ने बाल पुस्तिका का विमोचन किया।