संताल परगना के अन्य जिलों की तरह ही दुमका को सुखाड़ग्रस्त की सूची में शामिल करने का आग्रह
झारखंड में सुखाड़ की स्थिति को देखते हुए सूबे की पूर्व मंत्री डा.लुइस मरांडी ने राज्य समेत खासकर संताल परगना की स्थिति से
संताल परगना के अन्य जिलों की तरह ही दुमका को सुखाड़ग्रस्त की सूची में शामिल करने का आग्रह
जागरण संवाददाता, दुमका : झारखंड में सुखाड़ की स्थिति को देखते हुए सूबे की पूर्व मंत्री डा. लुइस मरांडी ने राज्य समेत खासकर संताल परगना की स्थिति से केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को अवगत कराकर समुचित पहल करने की मांग की है। पूर्व मंत्री डा. लुइस ने खास तौर पर संताल परगना के दुमका को सुखाड़ घोषित करने का आग्रह केंद्रीय कृषि मंत्री से किया है।
उन्होंने कहा कि झारखंड के अधिकांश जिलों में वर्षा नहीं होने से किसान के जीविका पर बुरा प्रभाव पड़ा है। संताल परगना प्रमंडल भी बुरी तरह से सुखाड़ की चपेट में है। गरीबी एवं पिछड़ेपन की मार झेल रहे यहां के किसानों के समक्ष भुखमरी व पलायन की नौबत आ चुकी है। कृषि विकास के नाम पर कई योजनाएं धरातल पर उतारे जाने का दावा किया गया, लेकिन हकीकत यह है कि यहां न सिंचाई सुविधा बहाल नहीं हो पाई है। झारखंड गठन के बाद दो दशक में दुमका समेत संताल पगरना के किसान दो से तीन बार सुखाड़ का सामना कर चुके हैं। डा. लुइस ने कहा कि जिस तरह से स्थिति से अवगत होने के पश्चात केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने संताल परगना के देवघर जामताड़ा, गोड्डा एवं पाकुड़ जिले को सूखाग्रस्त जिलों में शामिल किया है उसी तरह से दुमका जिले को भी इस सूची में शामिल किया जाए। दुमका इन सभी जिलों के मध्य में अवस्थित है। डा. लुइस ने कहा कि सूखाग्रस्त घोषित किए गए संताल परगना के सभी जिलों की सीमा दुमका जिले से जुड़ी है। इसके बावजूद दुमका के संदर्भ में सही वस्तुस्थिति की जानकारी मंत्रालय को नहीं दिया जाना तथा मानसून में होने वाले वर्षा के आंकड़े को सही रूप में प्रस्तुत नहीं किया जाना यह राज्य एवं केंद्र स्तरीय कृषि से जुड़े पदाधिकारियों की लापरवाही को दर्शाता है।