डीटीओ कार्यालय में शुल्क वसूलने में फर्जीवाड़ा
दुमका : जिला परिवहन विभाग के कार्यालय में शुल्क वसूलने का फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद शुक्रवार को आउटसोíसंग कंपनी के पांच कर्मचरियों को तत्काल काम से हटा दिया गया है। कार्यालय में उपयोग किए जानेवाले छहों कंप्यूटर की हार्ड डिस्क का डेटा जांच के लिए एक्सटर्नल हार्ड डिस्क में सुरक्षित रख लिया गया है।
दुमका : जिला परिवहन विभाग के कार्यालय में शुल्क वसूलने का फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद शुक्रवार को आउटसोíसंग कंपनी के पांच कर्मचरियों को तत्काल काम से हटा दिया गया है। कार्यालय में उपयोग किए जानेवाले छहों कंप्यूटर की हार्ड डिस्क का डेटा जांच के लिए एक्सटर्नल हार्ड डिस्क में सुरक्षित रख लिया गया है। अबतक की जांच में यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि गड़बड़ी आउटसोíसंग कंपनी के कर्मचारियों ने की है या फिर किसी साइबर कैफे के संचालक ने। साईबर कैफे के संचालक और आउटसोíसंग कंपनी के मिलीभगत से भी ऐसा हो सकता है। आउटसोíसंग कंपनी रोजमार्टा टेक्नोलॉजी के दो और एग्जिम कंपनी के तीन ऑपरेटरों को फिलहाल काम से हटा दिया गया है। उनकी जगह पर एनआइसी और सड़क सुरक्षा सेल के ऑपरेटरों से काम लिया जा रहा है। शुक्रवार को डीटीओ कार्यालय के पांच में से दो काउंटर ही खुले थे और कार्यालय के मुख्य दरवाजे को बंद कर वहां एक कर्मचारी बैठा दिया गया था।
क्या है पूरा मामला
जिला परिवहन कार्यालय में अब सभी तरह के शुल्क या तो ऑनलाइन जमा किए जाते हैं या फिर पॉश मशीन में एटीएम कार्ड को स्वैप कर शुल्क का भुगतान किया जाता है। ड्राइ¨वग लाईसेंस नवीनीकरण के विलंब शुल्क की निर्धारित राशि 1500 रुपये है। पर एक ऐसा मामला सामने आया जिसमें बालमुकुंद झा नामक व्यक्ति से 2500 रुपये शुल्क के नाम पर लिया गया और जब उसे इसकी रसीद दी गई तो उसमें 1300 और 200 रुपये के जोड़ को फोटोशॉप से एडिट कर 2500 रुपये लिखकर रसीद दे दी गई। ऑपरेटर 1300 को 2300 बनाना भूल गया। जिस कारण यह फर्जीवाड़ा पकड़ में आ गया। जब इसकी जांच शुरू हुई तो ऐसे आधा दर्जन मामले में मिले जिसमें तय शुल्क से अधिक राशि ग्राहक से वसूली गई थी।
राजस्व का नहीं हुआ कोई नुकसान
राजस्व का कोई नुकसान नहीं हुआ है। अबतक के जांच में पाया गया है कि छह लोगों के पास अपना एटीएम नहीं था। जिस कारण उन्होंने खुद ई ट्रांसफर नहीं किया था। हालांकि अबतक कोई शिकायतकर्ता सामने नहीं आया है। गड़बड़ी सामने आने के बाद जिला परिवहन पदाधिकारी ने स्वत: संज्ञान लेकर इस मामले की जांच की है। जांच के लिए 6 हार्ड डिस्क के डेटा को एक्सटर्नल हार्ड डिस्क में सुरक्षित रख लिया गया है।
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शुल्क की रखें जानकारी
विभागीय पदाधिकारी का कहना है कि कोई भी ऑपरेटर ऑनलाइन शुल्क जमा कर उसके एवज में जनरेट होनेवाली रसीद की पीडीएफ फाइल को फोटोशॉप में एडिट कर फर्जीवाड़ा कर सकता है। इसके लिए लोगों को खुद जागरूक होना होगा। कार्यालय में किसी भी तरह के शुल्क के भुगतान के लिए अपना एटीएम इस्तेमाल करें या खुद ही ऑनलाइन आवेदन दें। व्यक्ति को पता होना चाहिए कि किस सेवा के लिए कितना शुल्क निर्धारित है, तभी इस तरह की धोखाधड़ी से बचा जा सकता है।
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वर्जन
शुक्ल वसूलने का फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद पांच कर्मियों को काम से हटा दिया गया है। कंप्युटर की हार्ड डिस्क को जांच के लिए सुरक्षित रखा गया है। जांच की जा रही है। जो भी दोषी होंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
विद्याभूषण कुमार, जिला परिवहन विभाग, दुमका