स्वीकृत चाहरदीवारी निर्माण शुरू नहीं होने पर चर्चा
रानीश्वर : समाज कल्याण विभाग की ओर से रानीश्वर प्रखंड में बड़ी लागत से जाहेर थानों के चहारदीवारी का निर्माण कराया जाना है। समन्वयिक अनुसूचित जनजाति विकास अभिकरण दुमका की ओर से वित्तीय वर्ष 18-19 में जाहेर थान की घेराबंदी योजना के तहत जयपहाड़ी, संग्रामपुर, मेटलकुंदा, पहाड़पुर, रांगालिया, लताबनी, पाटूशाला एवं बुकनीडोबा गांव में जाहेरथान की चहारदीवारी निर्माण की स्वीकृति दी गई है।
रानीश्वर : समाज कल्याण विभाग की ओर से रानीश्वर प्रखंड में बड़ी लागत से जाहेर थानों के चहारदीवारी का निर्माण कराया जाना है। समन्वयिक अनुसूचित जनजाति विकास अभिकरण दुमका की ओर से वित्तीय वर्ष 18-19 में जाहेर थान की घेराबंदी योजना के तहत जयपहाड़ी, संग्रामपुर, मेटलकुंदा, पहाड़पुर, रांगालिया, लताबनी, पाटूशाला एवं बुकनीडोबा गांव में जाहेरथान की चहारदीवारी निर्माण की स्वीकृति दी गई है। जानकारी के अनुसार स्वीकृति के तीन-चार महीना के बाद भी यहां अधिकांश स्थलों पर चहारदीवारी का निर्माण शुरू नहीं हो सका है। चाहरदीवारी निर्माण को लेकर यहां विधानसभा चुनाव में जाहेर थान का घेराव चुनावी मुद्दा भी बनेगा ऐसी चर्चा है। राज्य सरकार ने संतालों की परम्परागत शासन उनके आस्था से जुड़ा मांझी थान का निर्माण एवं जाहेर थान की चहारदीवारी निर्माण कराने की शुरुआत की है पर जमीनी स्तर पर देखा जाए तो यहां माझी थान के निर्माण एवं जाहेर थान की घेराबंदी के कार्य के साथ उस पवित्र स्थल की आस्था के साथ जुड़े लोगों का दूर तक कोई वास्ता नहीं है। घेराबंदी का कार्य ऐसे लोग करा रहे हैं जिसका संतालों के आस्था के साथ कोई संपर्क नहीं है। उन स्थलों का विकास ग्राम प्रधान, नायकी, प्रमाणिक, कूड़म नायकी जग माझी के माध्यम से कराने के बदले गैर संताल बिचौलियों के माध्यम से कराया जा रहा है। यहां स्वीकृत योजनाओं का कार्य शुरू नहीं होने को लेकर लोगों का मानना है कि सत्ताधारी दल के कार्यकर्ता जाहेर थान की चहारदीवारी निर्माण कार्य पर कब्जा जमाए हुए हैं। एक ही चहारदीवारी के निर्माण को लेकर दल के कार्यकर्ताओं में आपसी विवाद है। जिसके कारण स्वीकृति के बाद भी यहां कार्य शुरू नहीं हो पाया है।