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किसानों के लिए दुविधा जान बचाएं या सामान

सरैयाहाट बाजार का जर्जर हटिया शेड अपनी मरम्मत की राह निहार रहा है। सरकार के मुलाजिमों के तिरस्कार के कारण अपनी युवावस्था में ही जर्जर हो चुके इस हटिया के शेड को कोई देखने वाला नहीं है। जर्जर शेड की सेहत को बदलने के लिए किसानों और दुकानदारों ने साहबों के दरबार में हाजिरी लगाई लेकिन उसका कोई असर नहीं हुआ। शेड की हालत यह है कि छत पूरी तरह टूट चुका है। पिलर इतना जर्जर हो गया है कि कभी भी गिर सकता है। जिसके कारण किसान अपने सब्जियों को बेचने के लिए जर्जर शेड के बदले खुले आसमान में बैठते हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 21 Sep 2020 04:38 PM (IST)Updated: Mon, 21 Sep 2020 04:38 PM (IST)
किसानों के लिए दुविधा जान बचाएं या सामान
किसानों के लिए दुविधा जान बचाएं या सामान

संवाद सहयोगी, सरैयाहाट : सरैयाहाट बाजार का जर्जर हटिया शेड अपनी मरम्मत की राह निहार रहा है। सरकार के मुलाजिमों के तिरस्कार के कारण अपनी युवावस्था में ही जर्जर हो चुके इस हटिया के शेड को कोई देखने वाला नहीं है। जर्जर शेड की सेहत को बदलने के लिए किसानों और दुकानदारों ने साहबों के दरबार में हाजिरी लगाई लेकिन उसका कोई असर नहीं हुआ। शेड की हालत यह है कि छत पूरी तरह टूट चुका है। पिलर इतना जर्जर हो गया है कि कभी भी गिर सकता है। जिसके कारण किसान अपने सब्जियों को बेचने के लिए जर्जर शेड के बदले खुले आसमान में बैठते हैं।

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हटिया के दुकानदारों को कहना है कि इसमें लगा गंदगी का अंबार स्वच्छ भारत अभियान का मुंह चिढ़ा रहा है। शेड जर्जर होने के कारण स्थानीय मिठाई एवं अन्य दुकानदार चुल्हे का राख फेंक देते हैं। जिससे वह गंदगी वाली जगह बनकर रह गई हैं। शौचालय न रहने के कारण लोग खुले आसमान में मल मूत्र का त्याग करते हैं। बदबू से आसपास के लोग परेशान हैं। दुकानदारों का कहना है कि यहां छह हटिया शेड है। जिसकी छत फट जाने के कारण बरसात में लोगों का शेड में रहना खतरे को संकेत देता है। वहीं पानी से बचने के लिए लोग शेड में ठहरते हैं। लेकिन बरसात के पानी से बच नहीं पाते हैं।

जानकारी के अनुसार करीब दो तीन दशक पूर्व सरैयाहाट में बाजार समिति की राशि से हटिया शेड का निर्माण कराया गया था कि इस शेड में किसान सब्जी बेच सकेंगे। साथ ही अन्य सामाग्रियों के दुकानदार भी अपना दुकान सजा सकेंगे। उसके बाद उक्त शेड में हटिया लगने लगी। लेकिन निर्माण कार्य की गुणवत्ता ठीक नहीं रहने के बाद कुछ ही वर्षों में हटिया शेड जर्जर हो गया। यहां के किसानों ने जर्जर हटिया शेड की मरम्मत कराने का मांग किया है। साथ ही हटिया शेड से गंदगी को भी साफ करने का आग्रह किया है।


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