ढ़ाई दशक से प्रभार में चल रहा राजभाषा विभाग
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दुमका : 14 सितंबर को ¨हदी दिवस है और ¨हदी को सशक्त बनानेवाला प्रमंडलीय राजभाषा विभाग तकरीबन ढ़ाई दशक से प्रभार में चल रहा है। एक कमरे में रुग्ण हालत में संचालित हो रहे राजभाषा विभाग की हालत का अंदाजा इसी आसरे लगाई जा सकती है कि यहां सृजित पद आठ के विरुद्ध एक तृतीय वर्ग एवं दो चतुर्थ वर्गीय कर्मियों के भरोसे ही पूरे प्रमंडल की ¨हदी ही नहीं उर्दू को सशक्त और दुरुस्त किया जा रहा है। राष्ट्रभाषा ¨हदी गरिमा बढ़ाने व सरकारी कार्यालयों में इसके व्यापक प्रचलन के उद्देश्य से संताल परगना में 25 जुलाई वर्ष 1987 में प्रमंडलीय राजभाषा कार्यालय की स्थापना की गई थी जिसके पहले और अब तक के अंतिम स्थायी उपनिदेशक गया प्रसाद थे। उनके उपरांत अब तक यहां 15 उपनिदेशकों की पदस्थापना प्रभारी के तौर ही हुई है और यह महत्वपूर्ण विभाग अब भी प्रभार में ही चल रहा है।
ये है अब तक के उपनिदेशकों का नाम
गया प्रसाद - स्थायी
त्रिभुवन प्रसाद ¨सह - प्रभार
प्रेमकांत झा - प्रभार
नर¨सह उपाध्याय - प्रभार
विपिन बिहारी झा - प्रभार
नर¨सह उपाध्याय - प्रभार
राजवंश मणि ¨सह - प्रभार
भुवनेश्वर राम - प्रभार
भुगन रविदास - प्रभार
धर्मनाथ झा - प्रभार
नंदलाल महतो - प्रभार
विजय कुमार - प्रभार
अजय शेखर - प्रभार
एनई बागे - प्रभार
काíतक कुमार प्रभात - प्रभार
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ये है विभाग में सृजित पद व कार्यरत कर्मी
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पदनाम - संख्या - स्थिति
उपनिदेशक - 01 - 0
राजभाषा अनुदेशक - 01 - 0
अनुदेशक - 01 - 1
सहायक अनुदेशक - 01 - 0
लिपिक सह टंकक - 01 - 0
अनुसेवक - 03 - 2
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ये है विभाग का मुख्य उद्देश्य
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- ¨हदी को बढ़ावा देना
- प्रखंड स्तर तक ¨हदी में कार्य और निरीक्षण के साथ प्रशिक्षण देना
- ¨हदी टिप्पण, प्रारूपण, ¨हदी लिखने-पढ़ने की योग्यता, परीक्षा का संचालन साल में दो बार कराने की जिम्मेदारी
- प्रखंड स्तर पर द्वितीय राजभाषा के तहत कार्यरत कर्मियों का आवंटन निर्गत करना