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आकांक्षी योजना के तहत चयनित गांव के किसानों का प्रदर्शन

बासुकीनाथ : केंद्र सरकार के द्वारा विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में आकांक्षी योजना (जिन्हें कृषि कल्याण अभियान भी कहा जाता है) चलाई जा रही है। सरकार का एकमात्र उद्देश्य है कि इन योजनाओं के माध्यम से किसानों के आíथक उन्नयन के साथ-साथ उन्हें गुणवत्तापूर्ण आधुनिक पद्धति से खेती करने को लेकर प्रेरित किया जाए। चयनित आकांक्षी गांव में भारत सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही सभी योजनाएं उस गांव में चलाना है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Jan 2019 08:32 PM (IST)Updated: Fri, 18 Jan 2019 08:32 PM (IST)
आकांक्षी योजना के तहत चयनित गांव के किसानों का प्रदर्शन
आकांक्षी योजना के तहत चयनित गांव के किसानों का प्रदर्शन

बासुकीनाथ : केंद्र सरकार के द्वारा विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में आकांक्षी योजना (जिन्हें कृषि कल्याण अभियान भी कहा जाता है) चलाई जा रही है। सरकार का एकमात्र उद्देश्य है कि इन योजनाओं के माध्यम से किसानों के आíथक उन्नयन के साथ-साथ उन्हें गुणवत्तापूर्ण आधुनिक पद्धति से खेती करने को लेकर प्रेरित किया जाए। चयनित आकांक्षी गांव में भारत सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही सभी योजनाएं उस गांव में चलाना है। बावजूद सरकार के द्वारा अन्नदाताओं के लिए चलाई जा रही इन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पदाधिकारी के उदासीन रवैया के चलते नहीं मिल पाता है बीज वितरण एवं अन्य सभी योजनाओं पर भी बिचौलियों की गिद्ध दृष्टि लग गई है। यहां बता दें कि भारत सरकार के द्वारा चयनित आकांक्षी योजना-1 के तहत जरमुंडी प्रखंड के भालकी पंचायत के भालकी गांव का चयन किया गया है। जबकि आकांक्षी योजना-2 के तहत भालकी पंचायत के सुल्ताना टीकर, राजासिमरिया पंचायत के ककनिया, रायकिनारी पंचायत के मनियारपुर गांव का चयन हुआ है। किसानों के हितार्थ में चलाई जा रही इस आकांक्षी योजना (कृषि कल्याण अभियान) भारत सरकार की योजना है और इसमें कृषि से संबद्ध सभी विभाग को सभी तरह की योजनाओं को चयनित गांव में चलाना है। लेकिन जरमुंडी प्रखंड के भालकी, ककनिया, सुल्ताना टिकर गांव में कृषि सम्बंधित कोई योजना धरातल पर नहीं है। यहां के किसानों के बीच अब तक चना या मसूर बीज का भी वितरण नहीं किया गया है। आकांक्षा योजना के तहत चयनित गांवों के किसानों के बीच कृषि विभाग के पदाधिकारियों की इस उपेक्षा पूर्ण नीति की वजह से काफी आक्रोश है। ककनिया गांव के किसान दिनकर दुबे ने कहा है कि इस बार जरमुंडी प्रखंड में लगभग 147 ¨क्वटल चना बीज प्राप्त हुआ है यह कभी पूरे दुमका जिला का आवंटन हुआ करता था। जरमुंडी में इतनी भारी मात्रा में चना बीज मिलने के बाद भी अबतक आकांक्षी गांव के किसानों को चना का बीज नहीं मिला है। सूत्र बताते हैं कि कागजों की बाजीगरी करके खेतों के बजाय किसानों को बीज मिलने के बजाय सभी बीज बाजार में बिक गए। वहीं सांसद आदर्श ग्राम राजसिमरिया में भी चना का बीज नहीं मिला है। मामले को लेकर ककनिया गांव के दर्जनों किसानों ने रोषपूर्ण प्रदर्शन कर जिले के उपायुक्त एवं कृषि विभाग के आला अधिकारियों से इस दिशा में अविलंब पहल करने की मांग की है। इस मौके पर उमेश मंडल, दिनकर दुबे, गोपाल वैद्य, विक्की मंडल, प्रकाश मंडल, सुबल मंडल, सनाका देवी, विकास वैद्य, गीता देवी, सुशील वैद्य, राजेश वैद्य सहित दर्जनों अन्य किसान मौजूद थे।

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केंद्र सरकार के द्वारा किसानों की आय वृद्धि व आíथक उन्नयन को लेकर आकांक्षी योजना के तहत मेरे गांव का चयन होने पर हम सभी को काफी प्रसन्नता हुई थी कि अब गांव की आíथक दशा में सुधार होगा। लेकिन अब तक विभाग के द्वारा आकांक्षी योजना के तहत चयनित किसी भी गांव में कोई भी सार्थक पहल नहीं हुई है।

मीरा देवी, महिला कृषक जरमुंडी

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मेरे गांव का चयन आकांक्षी योजना के तहत होने से काफी उम्मीद जगी थी। उम्मीद थी कि हम किसानों का भाग्य बदलनेवाला है। लेकिन बिचौलिया और पदाधिकारियों के मिलीभगत से यह सपना ही बनकर रह गया।

रेखा देवी, महिला कृषक ककनिया, जरमुंडी


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