Jharkhand LockDown: उपराजधानी दुमका में नोटबंदी-सा नजारा, राशन भंडारण के लिए मारामारी
सुबह खुदरा बाजार में आलू 20 रुपया किलो मिल रहा था। प्रशासन को सूचना मिली तो बाजार समिति के पदाधिकारी पहुंचे हड़काया तो 16 रुपया पर आया। एक रिटेल माॅल में भी भीड़ थी।
दुमका, जेएनएन। लॉकडाउन के बाद झारखंड की उपराजधानी दुमका में अफरातफरी की माहाैल है। सोमवार सुबह आम और खास लोग खाने-पीने और जरूरी चीजें खरीदने के लिए घरों से निकल दुकान और बाजार में दाैड़ पड़ें। देखते ही देखते दुकानों पर लंबी-लंबी कतार लग गई। एक दम नोटबंदी-सा नजारा।
दुमका में प्रशासन के आदेश को धत्ता बताते हुए आम दिनों की तरह की सोमवार को दुकान और बाजार खुले। कोरोना से बचाव के लिए झारखंड सरकार ने 31 मार्च तक लॉकडाउन की घोषणा की है। इसके बाद लोग एक सप्ताह की जगह एक महीने का खाद्यान्न जुटाने में लग गए। साप्ताहिक हाट में भीड़ नहीं हुई। सामान नहीं आए तो लोग आलू की थोक मंडी को भागे भागे पहुंचे। दुमका संभवतः पहला जिला मुख्यालय होगा जहां आलू का पैकेट खरीदने के लिए लंबी लाइन लगी। सभी 50 किलो का पैकेट खरीद रहे हैं। जिसकी कीमत 700 रुपया है। गणेश भी कतार में खड़े थे। यह डंगालपाड़ा के हैं। बताया सामान की आवक नहीं होगी। कम से कम चावल और आलू का चोखा बनाकर तो परिवार संग खा लेंगे।
सुबह खुदरा बाजार में आलू 20 रुपया किलो मिल रहा था। प्रशासन को सूचना मिली तो बाजार समिति के पदाधिकारी पहुंचे, हड़काया तो 16 रुपया पर आया। एक रिटेल माॅल में भी भीड़ थी। लोग अपनी कार लेकर आए थे और डिक्की में भड़े जा रहे थे। चारो तरफ एक पखवारे की तैयारी। घर में ही रसना पड़े तो कोई बात नहीं। बाजार आंशिक रुप से खुले हैं। बैगन का बाव 60 तो परवल 80 रुपया किलो पहुंच गया है।
गांव में भी लोग सामान जुटा रहे हैं। तेल और मशाला पर इनका ज्यादा जोर है। हालांकि प्रखंड मुख्यालय में लाॅक डाउन का बहुत असर नहीं। प्रशासन भी मान रही है कि लोग सामान खरीद लें। लेकिन पुलिस अब सड़क पर उतरने लगी है। बस नहीं चल रही है।