कलशयात्रा के साथ भागवत कथा का समापन
बासुकीनाथ जरमुंडी प्रखंड के ठेकचाघोंघा गांव स्थित स्वामी नारायण मंदिर में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान सप्ताह यज्ञ का समापन बैशाख शुक्ल सप्तमी उपरांत अष्टमी तिथि रविवार को धूमधाम से हुआ। समापन पर भव्य कलश विसर्जन सह शोभायात्रा निकाली गई। जिसमें 351 सुहागिन महिलाओं व कुंवारी कन्याओं के द्वारा यज्ञ मंडप में पूर्व से रखे कलश पात्र को यज्ञस्थल से उठाकर नगर भ्रमण करते हुए वापस समीपस्थ पवित्र नदी के घाट में विसर्जित किया गया। इस दौरान राधे-राधे की गूंज से आसपास के कई गांव का वातावरण गुंजायमान हो गया।
बासुकीनाथ : जरमुंडी प्रखंड के ठेकचाघोंघा गांव स्थित स्वामी नारायण मंदिर में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान सप्ताह यज्ञ का समापन बैशाख शुक्ल सप्तमी उपरांत अष्टमी तिथि रविवार को धूमधाम से हुआ। समापन पर भव्य कलश विसर्जन सह शोभायात्रा निकाली गई। जिसमें 351 सुहागिन महिलाओं व कुंवारी कन्याओं के द्वारा यज्ञ मंडप में पूर्व से रखे कलश पात्र को यज्ञस्थल से उठाकर नगर भ्रमण करते हुए वापस समीपस्थ पवित्र नदी के घाट में विसर्जित किया गया। इस दौरान राधे-राधे की गूंज से आसपास के कई गांव का वातावरण गुंजायमान हो गया। भक्तों के उत्साह और भक्ति का ऐसा मनोरम वातावरण देखते ही बन रहा था। कथा समापन पर वृंदावन से आए कथा व्यास पंडित धीरज कृष्ण पाराशर ने उपस्थित ग्रामीणों को वृद्ध, बालक, असहाय, जरूरतमंदों व दिव्यांग की मदद करने, माता-पिता, गुरुजन का सम्मान करने, गौरक्षा करने की बात कही। बतौर यजमान गौरीशंकर चौधरी पत्नी ज्ञानी देवी के साथ भाग लिया। मौके पर स्वामी नारायण मंदिर समिति, ठेकचाघोंघा भागवत कथा समिति के सदस्य, आसपास के विभिन्न गांवों के हजारों ग्रामीण व अन्य मौजूद थे।
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