शिक्षा से ही समाज का उत्थान संभव
बासुकीनाथ जरमुंडी प्रखंड अंतर्गत कुशमाहा चिकनिया में रविवार को पहाड़िया समाज की बैठक पूर्व मुखिया विनोद कुमार पूजहर की अध्यक्षता में हुई। पहाड़िया समाज के प्रमंडलीय अध्यक्ष दामोदर गृही ने कहा कि समाज को मुख्यधारा में लाने के लिए शिक्षा के प्रति जागरूकता अनिवार्य है। सामाजिक राजनीतिक व आíथक उत्थान एकमात्र शिक्षा से ही संभव है। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही वह हथियार है जिससे सामाजिक जागृति लाकर पहाड़िया समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है। समाज में फैली कुरीतियों अंधविश्वास को दूर करने तथा स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने का संदेश दिया गया। इस बैठक में केंद्र व राज्य सरकार के द्वारा संचालित अनेक प्रकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी गई। पहाड़िया समाज के लोगों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना का लाभ नहीं मिलने की बात कही गई।
बासुकीनाथ : जरमुंडी प्रखंड अंतर्गत कुशमाहा चिकनिया में रविवार को पहाड़िया समाज की बैठक पूर्व मुखिया विनोद कुमार पूजहर की अध्यक्षता में हुई। पहाड़िया समाज के प्रमंडलीय अध्यक्ष दामोदर गृही ने कहा कि समाज को मुख्यधारा में लाने के लिए शिक्षा के प्रति जागरूकता अनिवार्य है। सामाजिक, राजनीतिक व आíथक उत्थान एकमात्र शिक्षा से ही संभव है। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही वह हथियार है, जिससे सामाजिक जागृति लाकर पहाड़िया समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है। समाज में फैली कुरीतियों अंधविश्वास को दूर करने तथा स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने का संदेश दिया गया। इस बैठक में केंद्र व राज्य सरकार के द्वारा संचालित अनेक प्रकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी गई। पहाड़िया समाज के लोगों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना, मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना का लाभ नहीं मिलने की बात कही गई। बैठक में आदिम जनजाति पेंशन योजना से वंचित रहनेवाले पहाड़िया समाज के सदस्यों के बारे में जानकारी दी गई। इसके अलावा पहाड़िया समाज को होनेवाली अन्य परेशानियों पर भी विस्तार पूर्वक चर्चा हुई। दामोदर गृही ने कहा कि पहाड़िया समाज को होनेवाली परेशानियों को लेकर जरमुंडी प्रखंड विकास पदाधिकारी से मिलकर उनकी बातों को रखी जाएगी। इस बैठक में मुख्य रूप से रामेश्वर पूजहर, राजेंद्र पूजहर, सूर्यनारायण पूजहर, मन्शू पूजहर, रतन पूजहर, रामनाथ पूजहर, झब्बन पूजहर, बबलू पूजहर, समर पूजहर, मोहन पूजहर, मिलन, तारणी पूजहर सहित पहाड़िया समाज के सैकड़ों सदस्य मौजूद थे।