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बिहार से जुड़े हैं बैंक डकैती के तार

दुमका : पंजाब नेशनल बैंक में मंगलवार की शाम चार बजे करीब 31,05, 437 रुपयों की डकैती के तार बिहार से जुड़ रहे हैं। डकैतों की गिरफ्तारी के लिए एसआइटी का गठन किया गया है। टीम में पांच डीएसपी के अलावा कई पुलिस निरीक्षक अपराधियों का सुराग पाने के लिए बिहार की खाक छान रहे हैं। पुलिस की एक टीम बांका में डकैतों का सुराग पाने का प्रयास कर रही है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 05 Dec 2018 06:04 PM (IST)Updated: Wed, 05 Dec 2018 06:04 PM (IST)
बिहार से जुड़े हैं बैंक डकैती के तार
बिहार से जुड़े हैं बैंक डकैती के तार

दुमका : पंजाब नेशनल बैंक में मंगलवार की शाम चार बजे करीब 31,05, 437 रुपयों की डकैती के तार बिहार से जुड़ रहे हैं। डकैतों की गिरफ्तारी के लिए एसआइटी का गठन किया गया है। टीम में पांच डीएसपी के अलावा कई पुलिस निरीक्षक अपराधियों का सुराग पाने के लिए बिहार की खाक छान रहे हैं। पुलिस की एक टीम बांका में डकैतों का सुराग पाने का प्रयास कर रही है। बुधवार को देवघर की साइबर डीएसपी नेहा बाला ने बैंक के अधिकारियों से विस्तार से पूछताछ की। बैंक के भी आलाधिकारी अपने स्तर से छानबीन कर रहे हैं। बैंक की सहायक प्रबंधक सरिता कुमारी के बयान पर नगर थाना की पुलिस ने डकैती का मामला दर्ज किया है। पुलिस ने जल्द पूरी घटना के उद्भेदन की बात कही है। मंगलवार की देर शाम देवघर के पुलिस अधीक्षक एनके ¨सह ने भी घटनास्थल का जायजा लिया।

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बिहार के प्रोफेशनल गिरोह ने दिया अंजाम

डकैतों की पहचान के लिए मंगलवार की रात से ही नगर थाना के पुलिस निरीक्षक देवव्रत पोद्दार, संजय मालवीय और मनोज कुमार ठाकुर बिहार में डेरा डाले हुए हैं। सुबह टीम ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर बांका में भी डकैतों की पहचान का प्रयास किया। पुलिस को पूरी उम्मीद है कि जिस तरह से इस वारदात को अंजाम दिया गया है, वह किसी प्रोफेशनल गिरोह का काम है। ऐसा गिरोह बिहार में इस तरह की वारदात को अंजाम दे चुका है। डकैती के तार जामा के महारो में 12 अप्रैल को वनाचंल ग्रामीण बैंक में हुई दस लाख की डकैती से जोड़कर देखा जा रहा है। सूत्रों की माने तो पुलिस को कुछ ऐसा सुराग मिला है, जो इस बात का इशारा करता है कि वारदात में बिहार के ही गिरोह का हाथ है।

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डीएसपी ने ली घटनाक्रम की जानकारी

दोपहर को देवघर साइबर अपराधी की डीएसपी नेहा बाला बैंक पहुंची और बोकारो सर्किल के चीफ मैनेजर दीपक गुप्ता और रांची से आए सिक्युरिटी आफीसर दीपक राम के अलावा अन्य कर्मियों से पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली। उन्होंने बैंक कर्मियों के साथ जिस तरह से घटना घटी, उसे समझने का प्रयास किया। उन कमरों में गई, जहां डकैत गए थे। सीसीटीवी फुटेज के अलावा परिसर में चल रही बाजार इंडिया का कैमरा चेक किया। इसके अलावा परिसर के समीप दुकान चलानेवालों से पूरी जानकारी एकत्र की। उन्होंने बताया कि जांच चल रही है। जल्द ही पुलिस सभी डकैत तक पहुंच जाएगी। डकैतों के बारे में कुछ सुराग हाथ लगे हैं।

समीक्षा के बाद बैंक में होगी गार्ड की तैनाती

बोकारो सर्किल के मुख्य प्रबंधक दीपक गुप्ता ने भी बैंक के अधिकारियों से पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली। उन्होंने बताया कि भीड़भाड़ वाली जगह के बीच बैंक होने के कारण सुरक्षागार्ड नहीं रखा गया था। पूरे घटनाक्रम की समीक्षा करने के बाद ही तय किया जाएगा कि गार्ड की तैनाती की जानी है या नहीं।

कई बार मांगा था गार्ड

अवकाश से वापस लौटे शाखा प्रबंधक बीके मिश्र ने बताया कि मार्च में उन्होंने योगदान किया। उस समय बैंक में गार्ड नहीं था। उससे पहले एक गार्ड था लेकिन परीक्षा में सफलता हासिल करने के बाद काम छोड़कर चला गया। योगदान के बाद गार्ड के लिए कई बार पत्र भी लिखा गया लेकिन उपलब्ध नहीं हुआ।

सहायक प्रबंधक ने कराई प्राथमिकी

बैंक के सहायक प्रबंधक सरिता कुमारी के बयान पर नगर थाना की पुलिस ने आधा दर्जन डकैतों के खिलाफ मामला दर्ज कराया। बताया कि चार बजने से पांच मिनट पहले दो डकैत मफलर और टोपी पहनकर अंदर दाखिल हुए। इसके बाद चार और नकाबपोश अंदर आए और कैशियर विकास कुमार के बारे में पूछताछ की। सभी ने विकास के साथ बाकी अन्य कर्मियों को पिस्टल दिखाकर कब्जे में लिया और एक कमरे में लेकर चले गए। अपराधियों ने कैश काउंटर से 27,05,437 रुपया और बोल्ट से चार लाख रुपया निकाला। सारा पैसा एक झोला में रखकर भाग निकले। उनके जाने के बाद नगर थाना की पुलिस को घटना की जानकारी दी।

वनांचल और पीएनबी में एक जैसा ही डाका

जिस तरह से आधा दर्जन डकैतों ने इसी साल 12 अप्रैल को महारो स्थित वनांचल ग्रामीण बैंक में दस लाख रुपया लूटा था, ठीक इसी तरह से पीएनबी में वारदात को अंजाम दिया गया। वहां भी डकैत मोबाइल लेने के बाद छोड़कर चले गए, वैसा यहां भी किया। किसी के साथ मारपीट नहीं की। चोरी का समय बंद होने का तय किया गया। वहां एक सुरक्षागार्ड को विरोध करने पर पीटा था लेकिन यहां किसी ने डकैतों का विरोध करने का साहस नहीं किया। उस समय भी सीसीटीवी में अपराधियों का हल्का सा चेहरा नजर आया था और यहां भी एक ही डकैत का चेहरा साफ नजर आ रहा था।

वर्जन

वारदात को अंतर प्रांतीय गिरोह के पेशेवर डकैतों ने अंजाम दिया है। पुलिस को कुछ सुराग हाथ लगे हैं। इसी आधार पर बिहार में पुलिस की टीम डकैतों के करीब पहुंचने का प्रयास कर रही है। पांच डीएसपी के अलावा पुलिस निरीक्षक की टीम पूरी तत्परता से काम कर रही है। दो चार दिन में डकैती का उद्भेदन हो सकता है।

राजकुमार लकड़ा, डीआइजी, संताल परगना


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