भागवत कथा का हमारे जीवन में काफी महत्व
बासुकीनाथ : जरमुंडी प्रखंड के पुतलीडाबर पंचायत अंतर्गत पतसरा गांव में बुधवार से श्री मद्भागवत कथा ज्ञान सप्ताह यज्ञ का शुभारंभ हुआ। इसकी शुरूआत में कलश शोभायात्रा से हुई।
बासुकीनाथ : जरमुंडी प्रखंड के पुतलीडाबर पंचायत अंतर्गत पतसरा गांव में बुधवार से श्री मद्भागवत कथा ज्ञान सप्ताह यज्ञ का शुभारंभ हुआ। इसकी शुरूआत में कलश शोभायात्रा से हुई। 308 सुहागिन महिलाओं के द्वारा यज्ञ मंडप से कलश लेकर कुशमाहा पंचायत के भलसुमिया गांव स्थित यमुनाबांध तालाब से जल लाकर विभिन्न गांवों का भ्रमण करते हुए वापस कथा स्थल पर पहुंची। इस दौरान राधे-राधे की गूंज से आसपास के कई गांवों का वातावरण गुंजायमान हो गया। भक्तों का उत्साह और भक्ति का ऐसा मनोरम वातावरण देखते ही बन रहा था। कथा व्यास पंडित फणीभूषण पाठक ने प्रवचन में भागवत कथा के श्रवण से होनेवाले लाभ के बारे में बताया कि कलियुग में सच्चे मन से भागवत कथा के श्रवण मात्र से मनुष्य के जन्म जन्मांतर के पाप धुल जाते हैं। श्रवण मात्र से सभी प्रकार के दुखों से मोक्ष मिलता है व जीवन का उद्धार होता है। इसके पूर्व कथा व्यास पंडित फणीभूषण पाठक, भाजपा नेता सीताराम पाठक, संजय झा सहित अन्य ने दीप प्रज्ज्वलित करके अनुष्ठान का शुभारंभ किया। सीताराम पाठक ने इस प्रकार के आयोजन की प्रशंसा करते हुए कहा कि वर्तमान समय में भागवत एवं सत्संग का हमारे जीवन में काफी महत्व है। जितने वेद-वेदांत, पुराण हैं सभी का निचोड़ भागवत कथा में है। भागवत कथा को जीवन में प्रतिपादित करने की सलाह देते हुए परोपकार करने की सीख दी। ग्राम प्रधान महेश्वर मंडल, रजनीकांत यादव, महेश साह ने इस प्रकार के आयोजन के लिए आयोजक समिति को बधाई देते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन से समाज को एक सूत्र में बांधने, समाज में भाई चारे का पैगाम देने का कार्य करता है, यह आयोजन समाज के लिए एक पवित्र कार्य है। मंच संचालन शिक्षाविद् मोहन माल ने किया। इसमें बतौर यजमान पतसरा निवासी अमित मंडल पत्नी रंजू मंडल के साथ भाग लिया। कार्यक्रम के सफल आयोजन में आयोजक समिति के मनोज मंडल, गौरीशंकर मंडल, विश्वनाथ मंडल, शंभु मंडल, बलराम मंडल, कांग्रेस राय, दामोदर गृही, घनश्याम वैद्य, समाजिक कार्यकतर महेश साह उर्फ कंपनी साह, पप्पू मंडल, धिरो मिस्त्री, विरू मिस्त्री, संजय शमर, बालकृष्ण मंडल सहित आसपास के कई गांवों के ग्रामीण इस आयोजन को धूमधाम से संपन्न कराने के लिए तन, मन व धन से जुटे हैं।