जादोपटिया चित्रकला की खोज के लिए दुमका के डॉ. आरके नीरद सम्मानित
जागरण संवाददाता दुमका जनजातीय जादोपटिया चित्रकला शैली और बैद्यनाथ पेंटिग्स के अनुसंधान संर
जागरण संवाददाता, दुमका :
जनजातीय जादोपटिया चित्रकला शैली और बैद्यनाथ पेंटिग्स के अनुसंधान, संरक्षण एवं संवर्धन के लिए केंद्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय के पूर्वी क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र कोलकाता एवं झारखंड सरकार सांस्कृतिक कार्य निदेशालय ने दुमका के डॉ. आरके नीरद को यामिनी राय आदिवासी चित्रकला शोध सम्मान 2021 से सम्मानित किया है। यह सम्मान उन्हें मंगलवार को रांची के आंड्रे हाउस में आयोजित समारोह में झारखंड लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष अमिताभ चौधरी ने प्रदान किया है।
डॉ. नीरद को मिले सम्मान-पत्र में सांस्कृतिक निदेशालय ने जनजातीय जादोपटिया चित्रकला के अनुसंधानक के रूप में उनके योगदान को रेखांकित करते हुए उल्लेख किया कि वर्ष 1990-91 में शुरू किये गये आपके अथक प्रयासों से लुप्तप्राय जादोपटिया चित्रकला सरकार और सांस्कृतिक समाज के संज्ञान में आई। झारखंड की एक अन्य चित्रकला शैली बैद्यनाथ पेंटिग्स डॉ. नीरद की दूसरी बड़ी खोज है। जादोपटोया चित्रकला की खोज और जनजातीय चित्रकला के शोध, संरक्षण एवं संवर्धन के क्षेत्र में 30 वर्षों के उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें यह सम्मान दिया गया।
डॉ. नीरद ने बताया कि 1990 के दशक के मध्य तक बिहार सरकार के संस्कृति विभाग के पास मूल रूप से केवल मधुबनी पेंटिग्स थी। इसके विभिन्न प्रारूपों से ही बिहार की रैखिक थाति की विविधता को प्रदर्शित किया जाता था। उनके शोध और प्रयासों के बाद 1995 में संस्कृति विभाग ने जादोपटिया चित्रकला को सूचीबद्ध किया है। जादोपटिया चित्रकला के वंशानुगत कलाकार मूलरूप से दुमका और जामताड़ा के कुछ ही गांव हैं। जिनकी जीविका पटचित्र बनाना और गांव-गांव घूमकर लोगों को दिखाकर दक्षिणा प्राप्त करना है। सम्मान मिलने से अमरेंद्र सुमन, विद्यापति झा, अरुण सिन्हा, अशोक सिंह, महेंद्र बेसरा, डॉ. डीन वर्मा, केंद्र सरकार के वस्त्र मंत्रालय के सहायक निदेशक भुवन भास्कर, देवघर के नरेंद्र पंजियारा समेत कई ने हर्ष जताया है।