गार्ड की मिलीभगत से बालसुधार गृह से भागा हत्यारोपित बाल बंदी
दुमका हिजला रोड स्थित बाल सुधार गृह की सारी सुरक्षा व्यवस्था को भेदकर हत्या का आरोपित एक बाल बंदी मुख्य द्वार पर दो सुरक्षागार्ड को चकमा देकर फरार हो गया। घटना के 72 घंटा बाद भी बंदी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। समाज कल्याण पदाधिकारी ने अपने जांच रिपोर्ट में प्रथम दृष्टया दोनों गार्ड को दोषी पाया है और उनके निलंबन की अनुशंसा पुलिस कप्तान से की जा रही है।
दुमका : हिजला रोड स्थित बाल सुधार गृह की सारी सुरक्षा व्यवस्था को भेदकर हत्या का आरोपित एक बाल बंदी मुख्य द्वार पर दो सुरक्षागार्ड को चकमा देकर फरार हो गया। घटना के 72 घंटा बाद भी बंदी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। समाज कल्याण पदाधिकारी ने अपने जांच रिपोर्ट में प्रथम दृष्टया दोनों गार्ड को दोषी पाया है और उनके निलंबन की अनुशंसा पुलिस कप्तान से की जा रही है।
बता दें कि बाल सुधार गृह की ओर से मंगलवार को मुफस्सिल थाना में लिखित सूचना दी गई। घटना सोमवार दोपहर की बताई जा रही है जब मुलाकाती का समय था। पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है।
जानकारी के अनुसार करीब सात माह पूर्व जरमुंडी थाना की पुलिस ने हत्या के आरोप में एक नाबालिग को गिरफ्तार कर बाल सुधार गृह भेजा था। तब से वह सुधार गृह में था। सोमवार की दोपहर उसने मुख्य द्वार पर खड़े दो होमगार्ड जवानों को बताया कि उसकी तबीयत ठीक नहीं है। बाजार से दवा लेकर जल्दी आ जाएगा। गार्ड ने नियमों की अनदेखी कर दरवाजा खोलकर बाहर निकाला और जल्द लौटने को कहा। करीब दो घंटे तक वह वापस नहीं आया तो गार्ड सकते में आ गए। उन्होंने इसकी सूचना गृहपति अब्दुल गफ्फार बाबर को दी। बाबर ने गार्ड की मदद से काफी खोजबीन की लेकिन कुछ नहीं पता चला। मंगलवार की सुबह बाबर ने समाज कल्याण पदाधिकारी श्वेता भारती को इसकी सूचना दी। उनके निर्देश पर मुफस्सिल थाना को भी लिखित सूचना दी गई। पुलिस निरीक्षक एनके सिंह ने सुधार गृह जाकर छानबीन की। गार्ड की लापरवाही सामने आने के बाद गृहपति दोनों को बचाने का प्रयास करते रहे। उनका कहना था कि जिस समय बाल बंदी भागा, उस समय मुलाकाती चल रही थी। इसी का फायदा उठाकर वह भाग निकला।
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पांच महीना पहले भी भागे थे पांच बाल बंदी
पांच महीना पहले भी सामूहिक दुष्कर्म में शामिल पांच बाल बंदी बाल सुधार गृह के शौचालय में सेंध लगाने के बाद छत के सहारे फरार हो गए थे। पुलिस के दबाव के बाद एक सप्ताह के अंदर चार वापस भी आ गए लेकिन एक अभी भी फरार है। इस घटना के बाद सुधार गृह की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। इसके बाद भी बाल बंदी सारी सुरक्षा व्यवस्था को धता बताकर गार्ड की मदद से भागने में सफल रहा। इस घटना ने पूरे सुधार गृह के कर्मियों की कार्यशैली को कठघरे में खड़ा कर दिया है।
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बाल कैदी भागे नहीं भगाया गया
सूत्र बताते हैं कि बाल बंदी स्वयं नहीं भागे, उन सभी को भगाने में गृह के ही लोगों ने सहयोग किया है। इतनी सुरक्षा के बाद भी हत्या जैसे मामले में बंद हत्यारोपी बाल बंदी कैसे बाहर निकल सकता है। जबकि गेट पर हर समय दो गार्ड तैनात रहते हैं। अंदर से किसी तरह की आवाज देने के बाद गार्ड पहले लोहे की खिड़की खोलते हैं, इसके बाद ही आवश्यक होने पर गेट खोला जाता है। मुलाकाती के दौरान भी कड़ी सुरक्षा बरती जाती है।
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वर्जन
गार्ड के सहयोग से ही बाल बंदी भागा है। दवा दिलाने के नाम पर उसे गार्ड ने बाहर जाने दिया। पूरी तरह से गार्ड दोषी हैं। गृहपति से भी स्पष्टीकरण पूछा गया। गेट पर तैनात दोनों गार्ड के निलंबन की अनुशंसा की जा रही है।
श्वेता भारती, समाज कल्याण पदाधिकारी, दुमका