इज्तिमा में अमन- भाईचारे का दिया संदेश
हंसडीहा हंसडीहा के बनियारा में पहली बार हो रहे तीन दिवसीय इज्तिमा के दूसरे दिन रविवार को सामूहिक दुआ का आयोजन किया गया। दुआ करा रहे हाजरा हाफिज आरिफ ने कहा कि इज्तिमा में हमारे भीतर की बुराइयों को मिटाने का मौका मिलता है। इज्तिमा के दौरान जो बातें बताई जाती हैं उन पर अगर अमल किया जाए तो हम दुनिया में भी कामयाब होंगे। दीनी शिक्षा और बुराईयों से बचने की सीख मिलती हैं। छह बुनियादी बातें कलमा इमान नमाज अखलाक इल्म और जिक्र व दीन के लिए वक्त देने के विषय में तकरीर दी।
फोटो- 23,24
संवाद सहयोगी, हंसडीहा :
हंसडीहा के बनियारा में पहली बार हो रहे तीन दिवसीय इज्तिमा के दूसरे दिन रविवार को सामूहिक दुआ का आयोजन किया गया। दुआ करा रहे हाजरा हाफिज आरिफ ने कहा कि इज्तिमा में हमारे भीतर की बुराइयों को मिटाने का मौका मिलता है। इज्तिमा के दौरान जो बातें बताई जाती हैं उन पर अगर अमल किया जाए तो हम दुनिया में भी कामयाब होंगे। दीनी शिक्षा और बुराईयों से बचने की सीख मिलती हैं। छह बुनियादी बातें कलमा, इमान, नमाज, अखलाक, इल्म और जिक्र व दीन के लिए वक्त देने के विषय में तकरीर दी। उन्होंने कहा कि अपना सुलूक हर के किसी के साथ बेहतर हो, किसी को हमसे परेशानी या शिकायत का मौका न मिले। दुनियावी तालीम के साथ ही दीनी तालीम पर यान देना चाहिए। आज जो बिगड़ाव पैदा हो रहे हैं उसका सबसे बड़ा कारण है कि हम दीन की तालीम में पिछड़ रहे हैं। अल्लाह से अमन शांति व खुशहाली की कामना की गई। इस्तेमा के अध्यक्ष खुर्शीद आलम ने गैर वाजिब तरीके से किए काम से नेकियां बर्बाद हो जाती हैं। हमें अल्लाह की खुशनूदी हासिल करने के लिए नमाज की पाबंदी के साथ ही अच्छे और नेक काम करने चाहिए, इनके बल पर ही दुनिया और आखिरत की जिदगी में कामयाबी मिलेगी। रविवार के दिन दुआ के लिए सैकड़ों का हुजूम उमड़ पड़ा।
झारखण्ड और बिहार के कई जिलों के लोग शिरकत करने पहुंचे थे। दुआ पढ़कर अल्लाह से खुशहाली व अमन शांति का पैगाम की कामना की गई।
आयोजक दिखे तत्पर, खजूर से किया स्वागत
हंसडीहा चौक से लेकर बनियारा तक हर चौक चौराहे पर पुख्ता व्यवस्था दिखी। आयोजक समिति के कार्यकर्ता आयोजन स्थल पर तैनात थे। जगह-जगह स्टॉल लगाकर आने वाले लोगों का स्वागत खजूर और मीठे पानी के साथ किया गया। आयोजन समिति के अख्तर हुसैन, मो शराफत अंसारी, मो अमरुद्दीन शेख, डॉ मकसूद, मो. फारुख, मो. बड़ा फारुख, अब्दुल कुद्दुस, शमीम, मो. सदाकत, सलाउद्दीन, तौफीक, परवेज, हैदर व मो. जैनुल सहित अन्य सक्रिय मेंबर लोगों का स्वागत कर रहे थे।