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रामगढ़ में 75.30 लाख से बनी जलमीनार बेकार

संवाद सहयोगी रामगढ़ (दुमका) रामगढ़ प्रखंड की धोबा पंचायत के जोगिया गांव के उच्च विद्यालय

By JagranEdited By: Published: Fri, 09 Apr 2021 12:17 AM (IST)Updated: Fri, 09 Apr 2021 12:17 AM (IST)
रामगढ़ में 75.30 लाख से बनी जलमीनार बेकार
रामगढ़ में 75.30 लाख से बनी जलमीनार बेकार

संवाद सहयोगी, रामगढ़ (दुमका): रामगढ़ प्रखंड की धोबा पंचायत के जोगिया गांव के उच्च विद्यालय परिसर में लाखों रुपये की लागत से बनी जलमीनार बेकार साबित हो रहा है। पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने 75.30 लाख रुपये की लागत से वित्तीय वर्ष 2015-16 में नीर निर्मल परियोजना के तहत एकल ग्रामीण जलापूर्ति योजना के तहत उच्च विद्यालय रामगढ़ परिसर में टंकी का निर्माण करवाया गया है। इस योजना के तहत जोगिया गांव के सात टोला के लोगों को पेयजल मुहैया कराना है। घरों तक पानी पहुंचाने के लिए पाइप लगाया गया है लेकिन इसके बाद भी ग्रामीणों को पेयजल नसीब नहीं हो रहा है। 365 घरों में पानी का कनेक्शन भी किया गया है लेकिन अभी तक इसे प्रारंभ नहीं किया गया है।

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ग्रामीण विनोद कुमार, मुन्ना राय, मंती देवी, द्वारिका प्रसाद साह, श्रवण राय, वीणा देवी, संजय राय, सुचित्रा देवी, अंकुश राय, राजकिशोर राय ने बताया कि संवेदक ठेकेदार पाइप सही ढंग से नहीं जोड़ा है। इस कारण विभाग योजना को चालू करने से कतरा रही है। पहले दिन ही ट्रायल में इसकी पोल खुल गई थी। इस कारण इसे बंद कर दिया गया है। हालांकि जोगिया गांव के एक टोला में पानी की सप्लाई प्रारंभ हुआ था लेकिन कुछ ही दिन चलने के बाद बंद हो गया। गांव के ग्रामीणों ने इसे प्रारंभ करवाने के लिए कई बार विभाग के अधिकारी के पास फरियाद भी लगाई लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। जलमीनार से लोगों को पेयजल नसीब नहीं हो रहा।

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बेदिया में चापाकल खराब, जलमीनार बेकार

संवाद सूत्र, चिकनियां : जामा प्रखंड के बेदिया गांव में लगा सभी चापाकल खराब रहने के कारण ग्रामीणों की परेशानी बढ़ गई है। तेज होती गर्मी और जल संकट की परेशानी से ग्रामीणों का पारा चढ़ रहा है। चापाकल ही नहीं बल्कि पंचायत भवन बेदिया के निकट पेयजल स्वच्छता विभाग से बनाई गई जलमीनार भी कई दिनों से खराब है। इंडियन बैंक के पास भी लगाया गया पानी टंकी भी एक माह से खराब है। दूर-दूर से पंचायत मुख्यालय व बैंक आने वाले ग्रामीणों को पेयजल के लिए भटकना पड़ रहा है। लाचारी में इन्हें पानी खरीदकर प्यास बुझानी पड़ रही है। इधर पंचायत के दलित टोला में लगा एकमात्र चापाकल भी खराब है। इन्हें दूसरे टोले से पानी लाना पड़ता है। इस कारण दोनों टोला के ग्रामीणों के बीच आए दिन कहासुनी होती है। इधर बेदिया आंगनबाड़ी केंद्र के पास का चापाकल भी खराब है। ग्रामीण सागर मिर्धा, रामकैलाश मिर्धा, पनेश्वरी देवी, समशली देवी, सुनील साह, मंटू मंडल, परमेश्वर सिंह, सुमन मिर्धा, संगीता देवी, रीना देवी, संतोष मिर्धा, अरुण राय, नकुल पंडित, अमन मिर्धा, आकाश मिर्धा, लखी देवी का कहना है कि मुखिया, जल सहिया एवं विभाग को कई बार इसकी लिखित जानकारी दी, मगर स्थिति जस की तस है। ग्रामीणों ने कहा कि गर्मी में हलक सूख रहा है लेकिन विभाग को तनिक फिक्र नहीं है।


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