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अगस्त से 438 आदिम जनजाति गांवों को मिलेगा शुद्ध पानी

आजादी के बाद यह पहला अवसर है कि झारखंड की आदिम जनजाति को डाकिया योजना के तहत 35 किलो अनाज उनके घर तक पहुंच रहा है। अब उनके घर तक शुद्ध पेयजल पहुंचाने का इंतजाम किया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 30 May 2019 12:11 AM (IST)Updated: Thu, 30 May 2019 06:35 AM (IST)
अगस्त से 438 आदिम जनजाति गांवों को मिलेगा शुद्ध पानी
अगस्त से 438 आदिम जनजाति गांवों को मिलेगा शुद्ध पानी

जागरण संवाददाता, दुमका : आजादी के बाद यह पहला अवसर है कि झारखंड की आदिम जनजाति को डाकिया योजना के तहत 35 किलो अनाज उनके घर तक पहुंच रहा है। अब उनके घर तक शुद्ध पेयजल पहुंचाने का इंतजाम किया जा रहा है। सोलर सिस्टम आधारित ग्रामीण जलापूíत योजना से जलापूर्ति की जाएगी। उन्हें इस बात की चिता नहीं करनी होगी कि चापाकल का हैंडल खराब हो गया या जलस्तर नीचे चले जाने से चापाकलों से पानी निकला बंद हो गया। खुले कुंएं का पानी पीने से बरसात में स्वास्थ्य खराब होने का डर भी दूर होगा।

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सरकार ने झारखंड के 20 जिलों के 2250 गांवों को पहले चरण में चिह्नित किया है। दुमका वन एवं टू में 438 गांव हैं। इन गांवों में आदिम जनजाति रह रहे हैं। जुलाई में कार्य पूरा कर लेना है। अगस्त से इन घरों में पाइपलाइन से शुद्ध पानी मिलने लगेगा। दुमका के जामा, जरमुंडी, रामगढ़, सरैयाहाट, दुमका और मसलिया में कार्य आरंभ हो गया है। 50 स्थानों पर बोरिग भी हो चुकी है।

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क्या है योजना

केंद्र व राज्य सरकार इस योजना में 50-50 फीसद राशि दे रही है। अभी पुराने जलस्त्रोत या नहीं मिलने पर नई डीप बोरिग कर समरसेबुल पंप लगाना लगाना है। एक पंप हाउस एवं टैंक होगा। उसमें एक नल लगा होगा जिससे टोला में रहने वाले आसानी से पानी लेकर अपनी आवश्यकता पूरी करेंगे। एक यूनिट पर 4.44 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। आने वाले समय में इसी स्त्रोत से उस टोला में रहने वाले लोगों के घर तक पाइप से जलापूíत की जाएगी। सोलर योजना से खासियत है कि इसमें ऊर्जा का संकट नहीं होगा। चापाकल मरम्मत के झंझट से मुक्ति मिलेगी। चापाकल में हैंडल मारने से निजात मिल जाएगी। गंदा पानी नहीं मिलेगा। किसी को खुशामद नहीं करना होगा पानी के लिए।

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कहां कितने गांव

पाकुड़ 291

दुमका 1 156

दुमका 2 282

जामताड़ा 69

साहिबगंज 249

गोड्डा 202

देवघर 92

मधुपुर 33

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दुमका जोन टू में 153 प्वाइंटों के लिए निविदा का आदेश निर्गत कर दिया गया है। 50 स्थान पर बोरिग एवं ले आउट का कार्य चल रहा है। जुलाई तक सरकार ने लक्ष्य को पूरा करने का समय सीमा तय की है। दुमका टू में 282 आदिम जनजाति गांव में इस योजना का लाभ पहुंचना है।

मनोज चौधरी, कार्यपालक अभियंता पीएचइडी।


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