नवोदय के 10 छात्र 15 दिनों के लिए निलंबित
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संवाद सहयोगी, हंसडीहा ( दुमका) : शिक्षक दिवस पर जवाहर नवोदय विद्यालय में हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम के बाद छात्रों के दो गुटों में हुए संघर्ष के मामले में बुधवार को विद्यालय के हॉल में अभिभावक, विद्यालय प्रबंधन और जिला प्रशासन की संयुक्त बैठक हुई। सभी ने विद्यालय की शैक्षणिक माहौल को बनाने के लिए कुछ छात्रों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई का पुरजोर समर्थन किया। इस दौरान 10 छात्रों पर कार्रवाई हुई। अभिवावकों ने प्रबंधन से आग्रह किया कि पूर्वाग्रह से ग्रसित हो कर किसी निर्दोष छात्र पर कार्रवाई न हो । वीडियो फुटेज के आधार पर 10 छात्रों को 15 दिनों के लिए सस्पेंड किया गया है। 60 छात्रों के अभिवावकों से बांड भी भरवाया गया । प्राचार्य ने बताया कि सांस्कृतिक कार्यक्रम में डांस और सीटी बजाने को लेकर यह विवाद शुरू हुआ और परिस्थितियों से निपटने के लिए न चाहते हुए भी कैंपस में पुलिस को बुलाना पड़ा । अभिवावकों ने घटना के लिए विद्यालय प्रबंधन को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि प्रबंधन शिक्षक दिवस जैसे मौके पर कैसे बच्चों को फिल्मी धुनों पर नाच गाना की अनुमति दी। कहा कि घटना की जानकारी विद्यालय प्रबंधन ने किसी को नहीं दी, ऐसा नहीं होना चाहिए था। ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए प्रबंधन जो भी निर्णय लेगा सभी साथ देंगे। प्रबंधन यह तय करें कि कोई भी छात्र छात्रावास में गाना बजाना न करें। लड़कियों की तरह लड़कों के हॉस्टल में भी हाउस शिक्षक रहें। सभी छात्रावासों में सीसीटीवी कैमरा लगाने की मांग की गई ।
शिक्षकों ने बताया कि कैसे बात बात पर छात्र उन्हें अपमानित करते हैं। गालियां देने में भी गुरेज नहीं करते । बैठक में मुख्य रूप से एसडीपीओ अनिमेष नैथानी , बीडीओ मुकेश मछुआ , सहायक आयुक्त राजेंद्र राव , थाना प्रभारी शैलेन्द्र पांडे , विद्यालय प्राचार्य सुरेंद्र कुमार , प्राचार्य गोड्डा नवोदय दीपक कुमार , एस के पंजियारा के अलावा बड़ी संख्या में छात्र के अभिवावक और विद्यालय कर्मी उपस्थित थे ।
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नवोदय में पढ़ने वाले छात्र सिर्फ यहां के छात्र नहीं उनके अपने बच्चे हैं। इस देश के भविष्य हैं। छात्रों की तकलीफ को एक पिता की दूर करते हैं। छात्र अनुशासन न तोड़े क्योंकि वे नहीं चाहते इस देश का भविष्य बनने के पहले बिगड़ जाए। ऐसी घटनाओं से काफी पीड़ा हुई। अभिवावक अपने बच्चों का मार्गदर्शन करें। ऐसी घटना की पुनरावृत्ति होती हैं तो विद्यालय बंद भी करना पड़े तो किया जाएगा।
राजेंद्र राव , सहायक आयुक्त पटना
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छात्र भीड़ का हिस्सा नहीं इसलिए शिक्षक यह न कहें कि भीड़ ने हमला कर दिया। कुशल प्रबंधन हो तो ऐसी घटना कभी नहीं घटेगी। पुलिस को इसप्रकार की शर्मनाक घटना पर दुबारा परिसर में न आना पड़े इसकी सारी जवाबदेही विद्यालय प्रशासन की है। कोई छात्र अगर गलती करता है तो उसे कम से कम तीन वॉíनंग दें। ऐसे अचानक फरमान सुना कि आपके बच्चों ने गलती की और उसे निकाला जाता है। अभिवावक अपने बच्चों को सही संस्कार दें।
अनिमेष नैथानी , एसडीपीओ जरमुंडी
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अभिवावक अपने बच्चों को बौद्धिक ज्ञान दें। छात्रों को मोबाइल और वैभवशाली वस्तुओं से दूर रखें। अगर आप अपने बच्चों में गौतम बुद्ध के पांच उपदेशों को उतार देंगे तो ऐसी घटनाएं स्वत: बंद हो जाएगी । आज छात्रों में समय प्रबंधन , सहनशीलता , व्यवहार , क्रोध के प्रबंधन को लाने की आवश्यकता है। शिक्षक भी किताबी ज्ञान के अलावा नैतिक शिक्षा का पाठ अवश्य पढ़ाएं।
मुकेश मछुआ , बीडीओ सरैयाहाट
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नवोदय की घटना में प्रबंधन अपनी गलती छिपाने के लिए अगर किसी भी छात्र पर अनुशासन के नाम पर कार्यवाई करती हैं तो छात्र उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे ।
सुमन कुमार घोष , •िाला संयोजक अभाविप।
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