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World Menstrual Hygiene Day 2020 : उन दिनों की चिंता छोड़िए, जब पीरियड्स के ख्याल से भी लगता था डर, डिवाइस है ना...

रांची निवासी युवा वैज्ञानिक ने अंजली ने सस्ती और कारगर स्वदेशी डिवाइस जुड्डी तैयार की है जो महिलाओं को नेपकिन की अंतिम परत में रक्त पहुंचने से पहले अलार्म के जरिए संदेश देगी।

By MritunjayEdited By: Published: Thu, 28 May 2020 09:14 AM (IST)Updated: Thu, 28 May 2020 05:25 PM (IST)
World Menstrual Hygiene Day 2020 : उन दिनों की चिंता छोड़िए, जब पीरियड्स के ख्याल से भी लगता था डर, डिवाइस है ना...
World Menstrual Hygiene Day 2020 : उन दिनों की चिंता छोड़िए, जब पीरियड्स के ख्याल से भी लगता था डर, डिवाइस है ना...

धनबाद [राजीव शुक्ला]। World Menstrual Hygiene Day 2020 मासिक धर्म (पीरियड्स) के दौरान लड़कियों व महिलाओं को यह चिंता सताती है कि रक्तस्राव की अधिकता से कहीं सेनेटरी नेपकिन लगाने के बावजूद वह बाहर निकलकर कपड़ों में न लग जाए। इससे कपड़े तो खराब होते ही हैं, शर्मिंदगी का भी सामना करना होता है। धनबाद के बिरसा मुंडा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (बीआइटी) में बीटेक (सूचना प्रौद्योगिकी) प्रथम वर्ष की छात्रा अंजली ने इसका समाधान तलाशा है। 

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रांची निवासी इस युवा वैज्ञानिक ने ऐसी सस्ती और कारगर स्वदेशी डिवाइस 'जुड्डी' तैयार की है, जो महिलाओं को नेपकिन की अंतिम परत में रक्त पहुंचने से पहले अलार्म के जरिये नेपकिन बदलने का संदेश देगी। समय रहते वे इसे बदलकर असहज स्थिति से बच सकेंगी। समय पर इसको बदलने से जीवाणु संक्रमण का खतरा नहीं रहेगा। अंजली इसका पेटेंट कराना चाहती है। उसका दावा है कि ऐसी डिवाइस वाली नेपकिन पहले से बाजार में नहीं है। कुछ एंटी लीकेज नैपकिन उपलब्ध हैं, लेकिन एक सीमा के बाद उनमें लीकेज हो जाता है।

अंजली ने बताया कि पीरियड्स के दिनों में सभी लड़कियां इस समस्या से जूझती हैं, लेकिन संकोच से जिक्र नहीं करतीं। बीआइटी में प्रवेश लेने के बाद इस पर काम शुरू किया। शिक्षकों के मार्गदर्शन से इनोवेटिव आइडिया को मूर्त रूप दे डिवाइस बनाई। जमशेदपुर के एसएनटीआइ विश्वविद्यालय की  टेक-एक्स प्रदर्शनी में भी इसे सराहना मिली। डिवाइस बनाने में महज 835 रुपये की लागत आई है। कहा कि प्रयोग सफल होने से उत्साहित हूं। लड़कियों का जीवन आसान बनाने वाले कई और विषय पर शोध करेंगे। पिता संजय कुमार और मां विभा भी हमेशा उत्साहित करते हैं।

ऐसे काम करेगी डिवाइस : डिवाइस में नमी सेंसर, एलएम-393 सॢकट, बैटरी (3.7 वोल्ट), वाइब्रेशन सोर्स (कंपन स्रोत) लगा है। सेंसर नेपकिन की अंतिम परत में लगता है। रक्त जब अंतिम परत को नम करेगा तो सेंसर एक्टिव हो जाएगा। नेपकिन से रक्त बाहर आने की स्थिति उत्पन्न होने से ही सेंसर सॢकट के माध्यम से वाइब्रेशन सोर्स को जानकारी देगा। जो शरीर के किसी हिस्से में सटा रहेगा, वह कंपन कर नेपकिन बदलने का संदेश दे देगा। सिस्टम को काम करने के लिए ऊर्जा बैटरी से मिलेगी।  उपकरण को धोकर कई बार इस्तेमाल किया जा सकता है। 

अंजली प्रतिभाशाली छात्रा है। उसका आइडिया सराहनीय है। इस आइडिया से बनी डिवाइस का समाज को लाभ मिल सके। इसकी व्यवहारिक जांच कर धरातल पर उतारने की जरूरत है। -डॉ. डीके सिंह, निदेशक, बीआइटी, सिंदरी। 


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