महिलाओं को अब बस स्टैंड-रेलवे स्टेशन पर नहीं करना पड़ेगा गुजर बसर, सहारा दे रहा आश्रय गृह
इस आश्रय गृह में पुरुषों का प्रवेश निषेध है। सड़क रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर बिना सुरक्षा व्यवस्था गुजर-बसर करने वाली महिलाओं ने यहां रहना शुरू कर दिया है। धनबाद नगर निगम की ओर से दो अभी तक दो आश्रय गृह पुरुषों के लिए संचालित हो रहे थे।
जागरण संवाददाता, धनबाद : इस आश्रय गृह में पुरुषों का प्रवेश निषेध है। सड़क, रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर बिना सुरक्षा व्यवस्था गुजर-बसर करने वाली महिलाओं ने यहां रहना शुरू कर दिया है। धनबाद नगर निगम की ओर से दो अभी तक दो आश्रय गृह पुरुषों के लिए संचालित हो रहे थे।
गोल्फ ग्राउंड के पास के आश्रय गृह को सिर्फ और सिर्फ महिलाओं के लिए बदल दिया गया है। अब स्टील गेट आश्रय गृह में ही पुरुष रहेंगे। दिनभर इधर-उधर कामकाज कर गुजर-बसर करने वाली महिलाओं को निगम ने आश्रय दिया है। जो सक्षम है वो 20 रुपये प्रतिदिन का शुल्क दे रहे हैं और जो नहीं हैं वो निश्शुल्क रहे रहे हैं। फिलहाल यहां 32 बेड की व्यवस्था की गई है। यहां केयरटेकर के तौर पर नेहा श्रीवास्तव की तैनाती की गई है। रात में नाइट गार्ड भी पहरेदारी करते हैं। नेहा श्रीवास्तव ने बताया कि अभी महिलाओं को आश्रय मिला है। आने वाले दिनों में इनके भोजन की व्यवस्था भी नगर निगम करेगा। हर दिन तीन-चार महिलाएं रहने आ जा रही हैं। जो शुल्क देने में असमर्थ हैं उन्हें निश्शुल्क रहने की सुविधा दी जा रही है। गोल्फ ग्राउंड आश्रय गृह को महिलाओं के लिए तैयार किया गया है। जल्द ही इनके भोजन की व्यवस्था भी शुरू होगी। रहने के लिए नाम मात्र का शुल्क लिया जाएगा। जो महिलाएं शुल्क नहीं दे सकेंगी, उनके रहने की व्यवस्था निश्शुल्क होगी। इसका खर्च नगर निगम उठाएगा। रखरखाव की जिम्मेदारी से एप्रोच एजेंसी को दी गई है।
- सत्येंद्र कुमार, नगर आयुक्त